नई दिल्ली। आंतरिक सर्वेक्षण में चाहे जितनी भी चिंता की तस्वीर सामने आए, बिहार विधानसभा चुनाव में 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' परियोजना खेल पलटेगी- इसी उम्मीद में NDA गठबंधन का सीना चौड़ा हो रहा है। बिहार के कुल 7 करोड़ 43 लाख मतदाताओं में महिला मतदाताओं की संख्या साढ़े तीन करोड़ है। इस विशाल संख्या में महिला मतदाताओं का दिल जीतने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेचैन होकर कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू की है।
देश के विभिन्न BJP शासित राज्यों में जब वोट बैंक की राजनीति को ध्यान में रखकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य से पश्चिम बंगाल की तर्ज पर 'लक्ष्मी भंडार' जैसी परियोजनाएं शुरू हुई हैं।हालांकि कुछ अलग रास्ते पर चलकर 'सुशासन बाबू' नीतीश ने घोषणा की है कि बिहार की महिलाएं अगर कोई व्यवसाय करना चाहती हैं तो पहले उन्हें 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अगले चरण में व्यवसाय बड़ा करने के मुद्दे पर दो लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता करेगी सरकार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने रखकर नीतीश ने इस परियोजना का उद्घाटन भी किया है। इस बीच राज्य की 75 लाख 'महिला उद्यमियों' के बैंक खाते में 10 हजार रुपये भेजे जा चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के एक वर्ग का दावा है कि बीते दो दशकों के शासनकाल के कारण नीतीश सरकार के खिलाफ बन रहे पार्टी विरोधी हवा को बदलने के लिए ही यह परियोजना है।
बिहार के इस बार के विधानसभा चुनाव में तीन 'म' बड़े फैक्टर होंगे, यह पहले ही BJP के नेता-कार्यकर्ताओं को बता चुके हैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह। ये तीन 'म' हैं- महिला, मंदिर और मोदी। तीन 'म' के पहले स्तर में ही है महिला। शासक शिविर के शीर्ष नेतृत्व के अनुसार बिहार की साढ़े तीन करोड़ महिला मतदाताओं के एक बड़े हिस्से के मन पर प्रभाव डाल सकेगी नीतीश की 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार' परियोजना।
चुनाव से पहले अपने बैंक खाते में सीधे 10 हजार रुपये आने के बाद इन महिलाओं का एक बड़ा हिस्सा अब सपना देख रहा है कि निकट भविष्य में दो लाख रुपये के अनुदान का फायदा उठाकर अपना घर संवार लेंगी। NDA नेताओं को यकीन है कि यही सपना EVM में जादू दिखाएगा। BJP के एक शीर्ष सांसद का दावा है, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। इसलिए उन्होंने महाराष्ट्र या मध्यप्रदेश की तरह लडकी बहिन या लाडली बहिन योजना के रास्ते पर न चलकर बिहार की महिला मतदाताओं को और भी बड़ा सपना दिखाया है। हमें यकीन है, बिहार के घर-घर में प्रभाव डालेगी यह कल्याणकारी परियोजना।'
इन सबके बीच आगामी 15 अक्टूबर को बिहार के चुनावी प्रचार में नवीनता लाने जा रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। उस दिन शाम 6 बजे वे बिहार के BJP और NDA के नेता-कार्यकर्ता-समर्थकों से सीधे बात करेंगे। 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' शीर्षक कार्यक्रम में बिहार के नेता-कार्यकर्ताओं के सवालों के जवाब भी देंगे प्रधानमंत्री।