पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर मतभेद सामने आने लगे हैं। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच कुछ सीटों पर टकराव की स्थिति बन गई है, जिसे सुलझाने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार चुनाव प्रभारी अशोक गहलोत बुधवार को पटना पहुंचे। उनके आते ही दोनों दलों का सियासी रुख थोड़ा बदल गया है।
महागठबंधन में सीट साझा करने को लेकर दरार तब खुलकर सामने आई जब कांग्रेस और राजद दोनों ने एक ही सीट पर अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए। नरकटियागंज से कांग्रेस ने शाश्वत केदार पांडेय को टिकट दिया, जबकि राजद ने वहीं से दीपक यादव को उतार दिया। कहलगांव में कांग्रेस के प्रवीण सिंह कुशवाहा और राजद के रजनीश भारती आमने-सामने हैं।
सिकंदरा (अनुसूचित) सीट पर कांग्रेस के विनोद चौधरी और राजद के उदय नारायण चौधरी के बीच सीधा मुकाबला बनता दिख रहा है। इन टकरावों ने गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन मतभेदों को बढ़ने से रोकने और फ्रेंडली फाइट की स्थिति खत्म करने के लिए कांग्रेस ने तत्काल अपने वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को बिहार भेजा। गहलोत बुधवार को पटना पहुंचे और सीधे राजद नेता तेजस्वी यादव से उनके आवास पर मुलाकात की। इस बैठक में उन सीटों पर चर्चा हुई जहां दोनों दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं और जिन पर अंतिम समझौता नहीं हो सका है।
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने स्पष्ट किया कि महागठबंधन में कोई गंभीर विवाद नहीं है। 243 सीटों के इतने बड़े गठबंधन में 5-10 सीटों को लेकर मतभेद होना स्वाभाविक है। यह हर राज्य में होता है। यह मित्रवत संघर्ष की तरह होता है और अंत में सहमति बनती है। कांग्रेस पूरी तरह गठबंधन के साथ खड़ी है और भाजपा-जदयू गठजोड़ को हराने के लिए एकजुटता जरूरी है। वहीं मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि कल तक स्थिति साफ हो जायेगी।
वहीं, तेजस्वी यादव ने भी गहलोत से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि महागठबंधन में कोई बड़ा विवाद नहीं है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। बातचीत चल रही है। कल तक सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। तेजस्वी ने यह भी कहा कि वे 24 अक्टूबर से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस कुछ सीटों से अपने उम्मीदवार हटा सकती है। इसका अंतिम निर्णय दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मंजूरी के बाद होगा।