समाचार एई समय। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले और दूसरे चरण के मतदान के बाद कांग्रेस, सपा और महागठबंधन के नेता एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर आश्वस्त हैं कि जनता अपनी राय के माध्यम से बदलाव लाएगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हरियाणा में एग्जिट पोल गलत साबित हुए थे और बिहार में भी वास्तविक नतीजों का इंतजार करना चाहिए। उनका मानना है कि एग्जिट पोल हमेशा जमीनी हकीकत को सही तरीके से नहीं दर्शाते।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनिवास ने कहा कि बिहार की जनता एनडीए को सबक सिखाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एग्जिट पोल पर चर्चा नहीं करेंगे और असली परिणाम आने तक इंतजार करेंगे। उनका मानना है कि इस बार मतदाताओं ने अपनी राजनीतिक और सामाजिक उम्मीदों के आधार पर मतदान किया है और महागठबंधन सरकार बनाएगा।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भी एग्जिट पोल को खारिज किया और कहा, "जनता ने तय कर लिया है कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना है। पहले चरण में मतदान के आधार पर हमारी उम्मीद है कि महागठबंधन कम से कम 175 सीटें हासिल करेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार के खिलाफ जनता की नाराजगी स्पष्ट है।
एग्जिट पोल का अनुमान
वहीं, विभिन्न संस्थानों के एग्जिट पोल के अनुसार NDA की स्थिति मजबूत दिख रही है।
NDA: 133-152 सीटें
महागठबंधन: 75-103 सीटें
जन सुराज: 0-4 सीटें
अन्य: 2-8 सीटें
हालांकि, महागठबंधन और कांग्रेस नेताओं का मानना है कि वास्तविक परिणाम अलग हो सकते हैं, क्योंकि जनता ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हुए कई सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।
बिहार में हुआ रिकॉर्ड मतदान
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव का मतदान 66.91% रहा जो राज्य में अब तक का सबसे उच्च रिकॉर्ड है। पहले चरण में मतदान 65.08% दर्ज किया गया। यह दर्शाता है कि बिहार की जनता राजनीतिक जागरूकता और सक्रिय भागीदारी के मामले में अधिक सजग रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि इस चुनाव में सिर्फ लोकप्रिय चेहरे जीतने का निर्धारण नहीं करेंगे, बल्कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दे ही निर्णायक भूमिका निभाएंगे। एग्जिट पोल और प्रचार के बावजूद जनता ने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया है कि उनकी प्राथमिकताएं सिर्फ जातिगत या पार्टी लाइन तक सीमित नहीं हैं।
कुल मिलाकर, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में परिणाम 14 नवंबर को घोषित होंगे। यह चुनाव राज्य के राजनीतिक परिदृश्य और आने वाले वर्षों की सरकार की दिशा तय करने में अहम साबित होगा।