बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद अब नया विवाद सामने आया है। समस्तीपुर जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में सड़क पर बड़ी संख्या में वीवीपैट स्लिप मिलने से हड़कंप मच गया है। इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस और आरजेडी के महागठबंधन ने आयोग और बीजेपी पर "वोट चोरी" के आरोप लगाए हैं।
सड़क से बरामद हुए वीवीपैट स्लिप, मचा सियासी बवाल
शुक्रवार को समस्तीपुर के केएसआर कॉलेज के पास सड़क से दर्जनों वीवीपैट स्लिप मिलने की खबर फैलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। यह वही कॉलेज है जहां पहले चरण के मतदान के दौरान बूथ बनाए गए थे। बताया गया कि यहां लगभग 1200 मतदाताओं ने वोट डाले थे। स्थानीय लोगों ने जब सड़क पर फेंके गए स्लिप देखे, तो इसकी जानकारी तुरंत सोशल मीडिया पर दी।
आरजेडी ने X (पूर्व ट्विटर) पर उन स्लिपों की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए सवाल उठाया , “ये स्लिप कौन लाया? कब और किसके आदेश पर इन्हें फेंका गया?” पार्टी ने आयोग को “वोट चोर” करार देते हुए आरोप लगाया कि “बिहार में लोकतंत्र की लूट चल रही है और आयोग आंख मूंदे बैठा है।”
आयोग की सफाई — “ये मॉक पोल की स्लिप हैं, असली वोट से कोई संबंध नहीं”
चुनाव आयोग ने बयान जारी कर कहा है कि सड़क पर मिली वीवीपैट स्लिप का पहले चरण के वास्तविक मतदान से कोई संबंध नहीं है। आयोग ने स्पष्ट किया, “ये स्लिप मॉक पोल (ट्रायल वोटिंग) के दौरान उपयोग की गई ईवीएम मशीनों की हैं।” साथ ही, आयोग ने मामले में एफआईआर दर्ज करने और जांच के आदेश दिए हैं। जिम्मेदारी में लापरवाही बरतने के आरोप में समस्तीपुर के सहायक रिटर्निंग ऑफिसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
समस्तीपुर के डीएम पहुंचे मौके पर, जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही समस्तीपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा स्वयं मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा , “सरायरंजन विधानसभा के डिस्पैच सेंटर के पास कुछ वीवीपैट स्लिप मिली थीं। मैंने स्वयं जाकर निरीक्षण किया। उम्मीदवारों की मौजूदगी में सभी स्लिप जब्त कर ली गईं और एफआईआर दर्ज कर दी गई है। पुलिस जांच कर रही है।” उन्होंने बताया कि मामले में दो अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
पृष्ठभूमि — ऐतिहासिक मतदान के बाद विवाद
पहले चरण के मतदान में बिहार में रिकॉर्ड 64.66% वोटिंग हुई थी, जो अब तक का सबसे अधिक है। इसे “बदलाव की लहर” के रूप में देखा जा रहा था। लेकिन इस घटना ने अब चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि “इतिहासिक वोटिंग के बाद जब जनता ने बदलाव के पक्ष में मतदान किया, तभी इस तरह की घटनाओं से जनमत को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।”