स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) के 2016 के रद्द हो चुके पैनल से नियुक्त हुए और काउंसलिंग के लिए बुलाए गए अभ्यर्थियों की सूची बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) में जमा की गई। इससे पहले 27 नवंबर को जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल खंडपीठ ने आदेश दिया था कि सूची को एसएससी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए। लंबी बहस के बाद आखिरकार SSC ने जस्टिस सिन्हा की खंडपीठ में सूची को जमा कर दिया है।
साल 2016 के पैनल के रद्द हो जाने के बाद 9वीं-10वीं और 11वीं-12वीं स्तर पर जिन शिक्षकों को नियुक्त किया गया था, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Courte) ने उन्हें दागी करार दिया था। इसके आधार पर जस्टिस सिन्हा ने पिछली सुनवाई में उन अभ्यर्थियों की सूची मांगी थी। जो वह अब तक सामने नहीं आई थी।
हाई कोर्ट ने कहा कि पैनल के रद्द हो जाने के बाद एसएससी ने जिन लोगों की नियुक्ति की है, कोर्ट ने उन्हें बतौर दागी चिह्नित नहीं किया है। बल्कि सुप्रीम कोर्ट जिन तीन तरह की गड़बड़ियों - रैंक जंप, OMR शीट में गड़बड़ी और पैनल से बाहर - को चिह्नित किया है, एसएससी ने उन्हें 'दागी' अभ्यर्थी की सूची में रखा है।
एसएससी ने मंगलवार को दलील रखी कि हाई कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक सूची पहले भी जमा की गई थी और इस बार भी वे विस्तृत जानकारी के साथ ही सूची को हाई कोर्ट में जमा कर सकते हैं। कोर्ट ने जब ऑर्डर दिया कि सूची उसी दिन जमा की जाए तब SSC ने सूची जमा कर दी थी। यानी शिकायतकर्ताओं ने सूची जारी करने की जो मांग उठायी थी, एकल खंडपीठ ने अभी तक उसपर अपनी सहमति नहीं जतायी है। इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी।