11 दिसंबर को SIR के एन्यूमरेशन प्रक्रिया का आखिरी दिन है। मगर राष्ट्रीय चुनाव आयोग अंतिम पलों में भी BLO ऐप में नया विकल्प जोड़ा है। बुधवार को 'Upload BLO-BLA MOM' विकल्प के बाद अब 'Re-verify logical discrepancies' विकल्प को जोड़ा गया है। गुरुवार की सुबह जैसे ही BLO ऐप को खोला गया, यह विकल्प सामने ही दिखाई दे रहा है। पर क्या है यह विकल्प? इसका क्या काम है?
क्या है नए विकल्प का काम?
मिली जानकारी के अनुसार 'Re-verify logical discrepancies' विकल्प का मुख्य उद्देश्य बताया गया है कि अगर कोई मतदाता विभिन्न कारणों से संदेहास्पद लगता है तो इस विकल्प के माध्यम से BLO संबंधित मतदाता को रि-वेरिफाई कर सकेंगे। बुधवार को चुनाव आयोग की ओर बताया गया कि राज्य के CEO और DEO को बताया दिया गया है कि BLO के पास से 13 लाख 74 हजार 460 अनुपस्थित मतदाताओं की एक सूची भेजी गयी है।
चुनाव आयोग ने इन मतदाताओं की जानकारियों को रि-वेरिफाई करने का आदेश दिया है। बता दें, चुनाव आयोग लगातार कह रहा है कि किसी भी प्रकार से अयोग्य मतदाताओं को नई मतदाता सूची में नहीं रखा जाएगा। इसलिए एक ऐसा मतदाता सूची तैयार किया जा रहा है जिसमें गलती की कोई गुंजाइश न हो। उस काम में नया यह विकल्प काम आने वाला है।
BLO की बढ़ी उलझनें
वहीं दूसरी तरफ ऐप में लगातार नए विकल्पों के जुड़ने की वजह से BLO की उलझने बढ़ गयी हैं। मतदान कर्मी और BLO ऐकमंच के सचिव स्वप्न मंडल का कहना है कि एन्यूमरेशन प्रक्रिया के अंतिम दिन भी एक नया विकल्प जोड़ा गया है। बुधवार की सुबह हमने BLO ऐप में वह नया विकल्प देखा।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह से चुनाव आयोग हर दिन एक नया विकल्प जोड़ता जा रहा है। एन्यूमरेशन फॉर्म की प्रक्रिया जब अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है, तब ऐसा क्यों किया जा रहा है? इससे पता चलता है कि चुनाव आयोग किसी भी चीज के लिए तैयार नहीं था।