गुरुवार को लोकसभा में 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानी G Ram G बिल को विपक्षी पार्टियों के कड़े विरोध के बावजूद पास कर दिया गया। लगभग 20 सालों बाद कांग्रेस सरकार के समय में शुरू हुआ MGNREGA यानी 'महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट' का नाम बदल दिया जा रहा है।
इस परियोजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने का आरोप लगाते हुए जब लोकसभा में विपक्षी पार्टियां जोरदार हंगामा कर रही हैं उसी समय पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बड़ी घोषणा की है।
क्यों बदला गया कर्मश्री परियोजना का नाम?
गुरुवार को वह कारोबार और वाणिज्य सम्मेलन के दौरान धनधान्य प्रेक्षागृह में मौजूद थीं। यहीं पर ममता बनर्जी ने MGNREGA परियोजना का नाम बदलने को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा वार किया। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपिता का नाम भुला दिया जा रहा है। हमने राज्य सरकार की तरफ से कर्मश्री परियोजना की घोषणा की थी।"
इसके साथ ही उन्होंने इस परियोजना का नाम बदलने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि अब इस परियोजना का नाम महात्माजी परियोजना होगा। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि अगर आप गांधीजी का सम्मान नहीं कर सकते तो हम करेंगे। हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना जानते हैं - नेताजी, गांधीजी से लेकर बाकी सभी का।
ममता बनर्जी द्वारा राज्य सरकार की 'कर्मश्री' परियोजना का नाम बदलने का घोषणा वर्तमान समय में बहुत अहम माना जा रहा है। ममता बनर्जी ने कहा कि हमें नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा? हो सकता है कि बंगाल से एक नया इतिहास लिखा जाए। उन्होंने आम लोगों के लिए नए सपने देखने का संदेश दिया। जानकारों का मानना है कि ममता बनर्जी अपने इस कदम के जरिए केंद्र की भाजपा सरकार को एक कड़ा जवाब देना चाहती हैं।