कोलकाताः एन्यूमरेशन फॉर्म की छंटाई की प्रक्रिया गुरुवार तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद सभी कागजात की जांच के बाद 16 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित की जानी है। गिनती फार्म की छंंटाई के दौरान यह सुनिश्चित करने के लिए कि मृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में न आएं, देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सहित देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के साथ बैठक की।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रत्येक बूथ-स्तरीय अधिकारी (BLO) को उनके क्षेत्र में मृत व्यक्तियों की सूची-जो भारत के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय और आधार प्राधिकरण से प्राप्त कर मोबाइल ऐप पर उपलब्ध कराई जा रही है, उसे देखना होगा। इस सूची के आधार पर उन्हें जांच करनी होगी कि कहीं एन्यूमरेशन फॉर्म किसी मृत व्यक्ति के नाम से तो नहीं भरा गया है। यदि ऐसा पाया जाता है तो BLO को संबंधित व्यक्ति के घर जाकर सत्यापन कर उस प्रविष्टि को रद्द करना होगा।
इससे साफ है कि BLO पर कार्य का दबाव और बढ़ेगा। इसी बढ़ते दबाव का विरोध करने के लिए तृणमूल बीएलओ अधिकार सुरक्षा समिति पिछले दो सप्ताह से मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर के सामने धरना दे रही है। कुछ दिन पहले दक्षिण 24 परगना के नामखाना क्षेत्र के भाग संख्या 276 के बीएलओ देबाशीष दास को ड्यूटी के दौरान ब्रेन स्ट्रोक हुआ। एसएसकेएम अस्पताल में दो सप्ताह इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें छुट्टी दे दी। बीमार देबाशीष दास को परिवार वाले एम्बुलेंस में लेकर सीधे विरोध स्थल पर पहुंचे। उनके बेटे सौरभ दास उन्हें एम्बुलेंस में छोड़कर समिति की प्रधान तनुश्री मोदक भट्टाचार्य के साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर में गए लेकिन वहां कोई अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया।
उन्होंने बीमार बीएलओ के लिए आर्थिक सहायता की मांग करते हुए एक पत्र कार्यालय में जमा किया। बाद में मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने कहा, “इस मामले की रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजी जाएगी। फिर इसे आयोग को भेजा जाएगा। आयोग यदि उचित समझेगा तो आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।”
आयोग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक बीएलओ. को गुरुवार तक अपने क्षेत्र के बूथ-स्तरीय प्रतिनिधि (BLA) से मिलकर उस बूथ में मृत, लापता, स्थानांतरित और दोहराए गए मतदाताओं की सूची लेकर प्रस्ताव भरवाना होगा। बीएलओ और बीएलए के हस्ताक्षरित प्रस्ताव तथा बैठक की तस्वीरें मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी ताकि सभी इसकी जानकारी देख सकें। जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश भेजे जा चुके हैं।
आयोग के सूत्रों का कहना है कि अब तक राज्य में 24 लाख 8 हजार 574 मृत व्यक्तियों की पहचान हुई है। लापता व्यक्तियों की संख्या 11 लाख 27 हजार 643 है। आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर को कई शिकायतें मिली हैं कि कुछ लोग मतदाता पंजीकरण फार्म में अपना नाम जोड़ने के लिए नकली आधार, जन्म और विवाह प्रमाणपत्र जमा कर रहे हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि नकली प्रमाणपत्र जमा किए गए तो संबंधित व्यक्ति तथा उस पर हस्ताक्षर करने वाले सरकारी कर्मचारी दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया जाएगा, जिसमें सात वर्ष तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
इसी दिन, पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के आधार पर दक्षिण 24 परगना के जिला निर्वाचन अधिकारी ने बरुईपुर पूर्व केंद्र के खंड निर्वाचन पदाधिकारी (ERO), सहायक खंड निर्वाचन पदाधिकारी (AERO) यानी ब्लॉक विकास अधिकारी, और बूथ नंबर 94 के दो बीएलओ. को नोटिस जारी किया है। चूंकि पहला बीएलओ तृणमूल का स्थानीय बूथ अध्यक्ष था, इसलिए उसे हटाकर नया बीएलओ नियुक्त किया गया था। इसके बावजूद वह पहले की तरह काम कर रहा था, इसलिए उसे कारण बताओ नोटिस दिया गया है।