महीने भर पहले अचानक वीरभूम के बोलपुर थाना क्षेत्र के सिंगी पंचायत क्षेत्र में हलचल मच गई थी। लौदह गांव के निवासियों ने अजय नदी की बालू की धरती पर एक विशाल आकार के बम जैसी वस्तु देखी थी। खबर फैलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई। पता चला कि यह द्वितीय विश्व युद्ध का एक बम था। बम को बुधवार को पुलिस और सेना ने निष्क्रिय किया। उस घटना के दौरान भी दिन के समय इलाके में हलचल मच गई। बम निष्क्रिय करते समय जोरदार आवाज़ से चारों ओर काँप उठा इलाका और काले धुएँ से आसमान ढंक गया।
लगभग एक महीने पहले वीरभूम के बोलपुर थाना क्षेत्र के लौदह गाँव में वह बम पाया गया था। गाँववालों ने नदी के किनारे बम पड़ा देखा और उसे नदी के तट से उठा लिया। बोलपुर थाने को इसकी सूचना दी गई। एक महीने तक बोलपुर थाने की पुलिस ने उस विशाल बम को घेर कर रखा। पुलिस ने भारतीय सेना को सूचना दी।
बुधवार दोपहर के समय भारतीय सेना की ओर से एक सैनिक दल घटना स्थल पर पहुंचा। फिर उस विशाल बम को नियंत्रित स्थिति में विस्फोट द्वारा निष्क्रिय किया गया। उस समय पूरे गाँव में तेज धमाके की आवाज के साथ हड़कंप मच गया। कुछ ही क्षणों में इलाके में सनसनी फैल गई। आरोप है कि विस्फोट होने वाले क्षेत्र की मिट्टी में तालाब जैसा गड्ढा बन गया।
आसपास के खेतों में भी मामूली नुकसान हुआ। स्थानीय और प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, जो विशाल बम बरामद हुआ था, वह द्वितीय विश्व युद्ध का बताया जा रहा है। प्रारंभिक रूप से यही माना जा रहा है। वैसे भी द्वितीय विश्वयुद्ध एक सितम्बर 1939 से 2 सितम्बर 1945 तक चला था। इस युद्ध में 70 देशों की थल, जल और वायु सेना सम्मलित हुई थी।