मुरादाबाद: मुरादाबाद नगर निगम त्रिशूल वॉर म्यूज़ियम का विकास कर रहा है, जिसमें टैंक, मिग-27 लड़ाकू विमान, आईएनएस विक्रांत और अन्य सैन्य साजो-सामान प्रदर्शित किए जाएंगे। यह उपकरण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रक्षा मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। संग्रहालय में स्वचालित मॉडलों और प्रोजेक्शन के माध्यम से भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य को दर्शाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराया गया भारत का मानचित्र भी प्रदर्शनी का हिस्सा होगा जिसमें देश की सीमाएं दर्शाई गई हैं।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार युद्धभूमि जैसा अनुभव देने के लिए संग्रहालय में खाइयां (ट्रेंच) और युद्धकालीन परिस्थितियों का अनुकरण करने वाले प्रोजेक्टेड मॉडल भी शामिल किए जाएंगे। संग्रहालय की प्रगति पर जानकारी देते हुए नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया कि निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। शेष कार्य, मुख्य रूप से ऑडियो-विजुअल सेगमेंट अगले 10–12 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछले 7–8 महीनों से मुरादाबाद नगर निगम द्वारा त्रिशूल संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है, जो अब 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। ऑडियो-विजुअल हिस्सा बाकी है, जिसे अगले 10–12 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। सीएमओ और पीएमओ द्वारा दी गई समयसीमा के अनुसार इसे जल्द से जल्द उद्घाटित करने का प्रयास किया जाएगा। संग्रहालय में ऑपरेशन सिंदूर सहित अब तक के सभी अभियानों में सशस्त्र बलों के शौर्य को प्रदर्शित किया जाएगा।
इस बीच भारतीय सेना को शेष तीन बोइंग अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर प्राप्त हो गए हैं जो जल्द ही जोधपुर स्थित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन में शामिल किए जाएंगे। सेना के अनुसार असेंबली, संयुक्त निरीक्षण और अन्य औपचारिकताओं के बाद इन हेलिकॉप्टरों को जोधपुर में तैनात किया जाएगा। इन्हें एंटोनोव एएन-124 विमान के जरिए भारत लाया गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भारतीय सेना ने इसे “मील का पत्थर” बताया और कहा कि इन हेलिकॉप्टरों के शामिल होने से सेना की परिचालन क्षमताओं में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। अपाचे हेलिकॉप्टर हवा से जमीन पर मार करने वाली हेलफायर मिसाइलें, 70 मिमी हाइड्रा रॉकेट और हवा से हवा में मार करने वाली स्टिंगर मिसाइलें ले जाने में सक्षम है। इसमें 30 मिमी चेन गन भी लगी है, जिसमें 1,200 राउंड की क्षमता है। यह हेलिकॉप्टर लॉन्गबो फायर-कंट्रोल रडार से लैस है।
बोइंग के अनुसार अपाचे दुनिया का एकमात्र अटैक हेलिकॉप्टर है जिसमें 360-डिग्री कवरेज देने वाला फायर-कंट्रोल रडार और लक्ष्य पहचान व नाइट-विजन ऑपरेशनों के लिए नोज-माउंटेड सेंसर सूट मौजूद है। बोइंग एएच-64ई अपाचे का सबसे उन्नत संस्करण है, जिसे मल्टी-डोमेन ऑपरेशनों के लिए डिजाइन किया गया है। एएच-64ई वर्जन-6 में सेंसर, सॉफ्टवेयर और हथियारों की क्षमता से जुड़े कई उन्नयन शामिल हैं। भारतीय वायुसेना पहले से ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों का संचालन कर रही है, जिन्हें लद्दाख और पश्चिमी क्षेत्रों में तैनात किया गया है।