कोटा: मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से ट्रांसलोकेट की गई बाघिन PN-224 को रविवार को राजस्थान के बुंदी जिले के रामगढ़ विशधारी टाइगर रिज़र्व के वन में छोड़ा गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया यह कदम इंटर-स्टेट टाइगर रीइंट्रोडक्शन प्रोग्राम के तहत उठाया गया। निर्धारित अनुकूलन प्रक्रिया के तहत तीन साल की बाघिन को 22 दिसंबर से बाजलिया में सॉफ्ट-रिलीज़ एन्क्लोजर में रखा गया था। उसके बाद उसे जंगल में स्वतंत्र रूप से घूमने के लिए छोड़ दिया गया।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार मुख्य कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट, मुकुंद्रा हिल्स टाइगर रिज़र्व (एसएचटीआर), कोटा और प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुग्नराम जाट ने बताया कि शनिवार दोपहर को एन्क्लोजर के गेट खोले गए, जिसके बाद बाघिन ने स्वेच्छा से बाहर निकलकर रविवार सुबह जंगल में प्रवेश किया। पूरा रिलीज ऑपरेशन वरिष्ठ वन अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया, जिसमें पशु चिकित्सक, फील्ड बायोलॉजिस्ट और प्रशिक्षित फ्रंटलाइन स्टाफ की मॉनिटरिंग टीम शामिल थी। इसे नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के प्रोटोकॉल के अनुसार अंजाम दिया गया।
जाट ने बताया कि बाघिन की गतिविधियों, स्वास्थ्य और प्राकृतिक आवास में अनुकूलन पर निगरानी के लिए रेडियो टेलीमेट्री, फील्ड ट्रैकिंग और सर्विलांस का उपयोग किया जाएगा। बाघिन PN-224 को 21 दिसंबर को पेंच रिजर्व से जयपुर एयरलिफ्ट किया गया था, जिसमें IAF MI-17 हेलिकॉप्टर का उपयोग किया गया। इसके बाद उसे सड़क मार्ग से रामगढ़ विशधारी लाया गया।