जयपुर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को क्रिसमस समारोह के दौरान छात्रों को जबरन सांता क्लॉज की पोशाक पहनाने के खिलाफ चेतावनी दी है। अपर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक वाधवा द्वारा 22 दिसंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि यदि इस संबंध में कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित स्कूल के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूलों को छात्रों या अभिभावकों पर इस तरह की गतिविधियों में भाग लेने के लिए अनावश्यक दबाव नहीं डालना चाहिए।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार आदेश में कहा गया है कि यदि कोई स्कूल छात्रों को मजबूर करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। वाधवा ने कहा कि यदि अभिभावकों और बच्चों की सहमति से क्रिसमस से जुड़ी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं तो इस पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि अगर छात्रों को मजबूर किया जाता है या अभिभावकों पर दबाव डाला जाता है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्रबंधन की होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि 25 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, जो साहिबजादों के सर्वोच्च बलिदान की स्मृति में है। ऐसे में स्कूलों को अपने कार्यक्रमों में संवेदनशीलता और संतुलन बनाए रखना चाहिए और किसी भी प्रकार की ज़बरदस्ती से बचना चाहिए। हालांकि वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को मनाया जाता है। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने जिला शिक्षा अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें आरोप लगाया गया कि कुछ स्कूल पिछले कुछ वर्षों से बच्चों को सांता क्लॉज की पोशाक पहनने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिससे अभिभावकों में नाराजगी है। संगठन का कहना है कि श्रीगंगानगर एक हिंदू-सिख बहुल क्षेत्र है और किसी भी विशेष परंपरा को थोपना उचित नहीं है।
इससे पहले, कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने मंगलवार को क्रिसमस के दौरान विभिन्न राज्यों में ईसाइयों पर कथित हमलों में चिंताजनक बढ़ोतरी की कड़ी निंदा की थी। संगठन ने कहा कि यह भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी को गंभीर रूप से कमजोर करता है। कैथोलिक बिशप्स संगठन ने गृह मंत्री अमित शाह से कानून के सख्त पालन और ईसाई समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की ताकि क्रिसमस शांतिपूर्ण ढंग से मनाया जा सके।