जयपुर: अजमेर शरीफ दरगाह के देखभाल करने वालों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था अंजुमन ख़ुद्दाम सैयदज़दगाँ ने शनिवार को बांग्लादेश और भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित हिंसा की घटनाओं की कड़ी निंदा की। उन्होंने शांति, न्याय तथा जवाबदेही की अपील की।
हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की वार्षिक पुण्यतिथि के समापन पर जारी संदेश में अंजुमन ने बांग्लादेश के माइमेंसिंह जिले में हिंदुओं पर लक्षित हमलों पर चिंता व्यक्त की। जिसमें इस महीने दीपू चंद्र दास की हत्या भी शामिल है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अंजुमन के सचिव सैयद सर्वार चिश्ती ने कहा कि ऐसी नफरत वाली घटनाएँ, चाहे पीड़ित किसी भी धर्म की हो, मानवता और धर्म के हर सिद्धांत का उल्लंघन हैं।
अंजुमन ने भारत भर के धार्मिक नेताओं और दरगाह देखभाल करने वालों से दुर्व्यवहार के खिलाफ एकजुट नैतिक आवाज उठाने की अपील की और मुसलमानों से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आग्रह किया। साथ ही बांग्लादेश सरकार से भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की। अंजुमन ने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर भी चिंता जताई। बिहार में एक व्यक्ति को भीड़ में पीट‑पीटकर मारा गया और देश के कुछ हिस्सों में क्रिसमस उत्सव के दौरान तोड़फोड़।
बयान में कहा गया कि जब नागरिकों को उनके धर्म के कारण निशाना बनाया जाता है, तो गणराज्य की नींव हिल जाती है और अधिकारियों से ज़ीरो टॉलरेंस (शून्य सहनशीलता) के साथ कार्रवाई करने का आग्रह किया गया। अंजुमन ने अपने बयान में अंतरधार्मिक सद्भाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि समाज का मार्गदर्शन शांति और न्याय के आधार पर होना चाहिए।