दक्षिण कोलकाता के जीडी बिड़ला स्कूल गुरुवार दोपहर को सज-धज कर खड़ा था। रेड कारपेट, स्वागत समारोह की व्यवस्था, छात्राओं द्वारा 'इमैजिन ड्रैगन्स' बैंड के 'बिलिवर' गाने का प्रदर्शन, ये सब होना स्वाभाविक था। दोहरी ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ी रोज़–रोज़ दक्षिण कोलकाता के मोहल्ले में नहीं आते। जी,हां यहां बात हो रही है दोहरे ओलंपिक पदक विजेता स्प्रिंटर केनी बेडनरेक यानी कुंग्फू केनी की। उन्होंने गुरुवार को जीडी बिरला स्कूल में पहुंचे जहां बच्चों ने उनका जबरदस्त स्वागत किया।
केनी के पास पेरिस ओलंपिक्स का रजत और इस साल टोकियो विश्व चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल है। स्कूल के बच्चों ने इसे देखकर तालियों से भर दिया। बाद में केनी से पेरिस के पदक के घिस जाने के बारे में पूछते हुए वो हंस पड़े। उन्होंने कहा, 'कई लोग पेरिस का पदक वहां ले जाते हैं ताकि दिखा सकें। मैं उसे वैसे नहीं निकालता। इसे यहीं लाया। अगर आप इसे हाथ में लेकर देखेंगे, तो पाएंगे कि कुछ जगहें घिस गई हैं। 'जिन्होंने भी बच्चों के साथ सेल्फी ली।
स्प्रिंटर केनी बेडरेनक कोलकाता में आयोजित होने वाले टाटा स्टील के इंटरनेशनल इवेंट में न सिर्फ हिस्सा लेंगे बल्कि वे इवेंट के एम्बेसडर के रुप में भी जुड़े हुए हैं। टोक्यो के बाद पिछले साल पेरिस ओलंपिक में भी 200 मीटर में रजत जीतने वाले केनी बेडनरेक। जिन्हें एथलीट की दुनिया कुंग्फू केनी के नाम से जानता है। 27 साल का यह अमेरिकी स्प्रिंटर कोलकाता में है। कल यानी रविवार को टाटा स्टील 25 किलोमीटर दौड़ के मौके पर उपस्थित रहेंगे।
केनी के पास पेरिस ओलंपिक्स का रजत और इस साल टोकियो विश्व चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल है। स्कूल के बच्चों ने इसे देखकर तालियों से भर दिया। बाद में केनी से पेरिस के पदक के घिस जाने के बारे में पूछते हुए वो हंस पड़े। उन्होंने कहा, 'कई लोग पेरिस का पदक वहां ले जाते हैं ताकि दिखा सकें। मैं उसे वैसे नहीं निकालता। इसे यहीं लाया। अगर आप इसे हाथ में लेकर देखेंगे, तो पाएंगे कि कुछ जगहें घिस गई हैं।'
इस साल टोकियो में विश्व चैंपियनशिप में जो सोना जीता, वह 4x100 मीटर रिले में लेकिन 2020 से अब तक ओलंपिक्स या विश्व चैंपियनशिप में 200 मीटर में वही रजत जीता। केनी के अनुसार, 'पहले हमारे देश में मैं और नोआ लाइल्स ही थे। अब वहां एरियन नाइट, ब्रायन लैबेल आदि उभर चुके हैं। विश्व स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा बहुत बढ़ गई है।' लगातार रजत जीतने पर उन्होंने खुद को मार्वल किरदार 'सिल्वर सर्फर' कहकर मजाक भी किया, 'मैं अब ‘सिल्वर सर्फर’ हूं। बार-बार पोडियम पर उठ रहा हूं, यह अच्छा है लेकिन पदक का रंग भी जल्दी बदलना चाहता हूं।'
रेस जीतने के लिए केवल कौशल ही नहीं, बल्कि मानसिक शक्ति को सबसे ज्यादा श्रेय दिया केनी ने। उनका स्पष्टिकरण था, 'मानसिक तैयारी के बिना शारीरिक फिटनेस का कोई मूल्य नहीं है। मैंने कई प्रतिभाशाली एथलीटों को देखा है, जो प्रैक्टिस में शानदार समय रिकॉर्ड करते हैं, लेकिन रेस के दिन प्रदर्शन नहीं कर पाते—कारण मानसिकता है। मेरे अनुसार, यह खेल 90 प्रतिशत मानसिक और 10 प्रतिशत शारीरिक है।'
एक समय 100 और 200 मीटर में जमैका के एथलीटों का वर्चस्व था। उस समय उसैन बोल्ट ने राज किया लेकिन पिछले दो ओलंपिक्स में 100 और 200 मीटर से जमैका को केवल एक ही पदक मिला। जबकि अमेरिकी लड़कों ने संभावित 12 पदकों में से सात जीत लिए। इसमें पैरिस में 100 मीटर में गोल्ड जीतने वाले नोआ लाइल्स शामिल हैं। क्या अमेरिकी स्प्रिंट फिर से लौट रहा है ? केनी का कहना है, 'हम वास्तव में हमेशा वहां रहे हैं। उसैन बोल्ट अलग स्तर के एथलीट थे लेकिन हाल ही में पैरिस में नोआ ने 100 मीटर में गोल्ड लाकर हमारे लिए बड़ी उपलब्धि हासिल की।' उनका जोड़ना, 'अगले विश्व चैंपियनशिप और लॉस एंजेलेस ओलंपिक्स में हम कुछ शानदार करना चाहते हैं। खासकर 2028 के घर में होने वाले ओलंपिक्स में कई पदक जीतना हमारा लक्ष्य है।'