रायपुर: छत्तीसगढ़ में माओवादी विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। सुकमा जिले के जंगलों में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए हैं, जिनमें एक महिला भी शामिल है। यह मुठभेड़ गुरुवार को सुकमा जिले के गोलापल्ली क्षेत्र के जंगलों में हुई। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि इलाके के जंगलों में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद अभियान चलाया गया। सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर तेलंगाना सीमा से सटे जंगलों में डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (डीआरजी) और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया। सुरक्षा बलों के पहुंचते ही माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका बलों ने जवाब दिया।
मुठभेड़ खत्म होने के बाद जंगल से एक महिला समेत तीन माओवादी सदस्यों के शव बरामद किए गए। इन तीनों पर कुल 12 लाख रुपये का इनाम घोषित था। मारे गए माओवादियों की पहचान मादवी जोगा उर्फ मुन्ना, सोधी बांदी और नुप्पो बाजनी के रूप में हुई है। मादवी और सोधी माओवादियों की एरिया कमेटी के सदस्य थे, जिन पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। वहीं किस्ताराम एरिया कमेटी की महिला सदस्य नुप्पो बाजनी पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित था। तीनों ही कोन्टा और किस्ताराम एरिया कमेटी के सक्रिय सदस्य थे और पुलिस पर हमले समेत कई गंभीर वारदातों में सीधे तौर पर शामिल रहे थे।
oमुठभेड़ के बाद चलाए गए तलाशी अभियान में बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए। इनमें एक 9 एमएम सर्विस पिस्टल, एक 12 बोर शॉटगन, एक बीजीएल सेल, एक टिफिन बम, भारी मात्रा में विस्फोटक और अन्य माओवादी सामग्री शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अगले साल मार्च तक देश को माओवादी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत माओवादियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिए गए हैं। लगातार दबाव के कारण माओवादी कमजोर पड़ रहे हैं और बस्तर डिवीजन सहित अन्य इलाकों में कई माओवादी आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं। साथ ही मुठभेड़ों में कई शीर्ष माओवादी नेताओं के मारे जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं।