जम्मू: जम्मू-कश्मीर के राजौरी सीमावर्ती क्षेत्र डूंगी से ताल्लुक रखने वाले कक्षा 11 के छात्र इमरान चौधरी ने “Lagnever – Revolution for Learning Education” नाम से एक नया शैक्षणिक ऐप विकसित किया है। उन्होंने यह ऐप पढ़ाई के दौरान खुद को आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए तैयार किया। यह ऐप एआई (AI) आधारित नोट्स और टूल्स प्रदान करता है, जिससे पूरे भारत के छात्रों को पढ़ाई में मदद मिल सके। इमरान चौधरी जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले के डूंगी ब्लॉक के निवासी हैं। वह वर्तमान में हिमालयन एजुकेशन मिशन राजौरी में कक्षा 11 के छात्र हैं।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार इमरान ने कहा कि सीमावर्ती इलाके में बड़े होने के कारण मुझे उन्नत तकनीक, नवाचार और मेंटरशिप तक सीमित पहुंच मिली। इसके बावजूद उन्होंने सीखने, समस्या-समाधान और खुद से चीजे बनाने में गहरी रुचि विकसित की। उनकी यात्रा निरंतर आत्म-अध्ययन, प्रयोग और सीमित संसाधनों के बावजूद आगे बढ़ने की कहानी रही है। कम उम्र में ही उन्होंने समय प्रबंधन (टाइम मैनेजमेंट) पर एक पुस्तक लिखी, जो मुख्य रूप से उनके पीढ़ी के छात्रों पर केंद्रित थी। इस पुस्तक को लिखने से उन्हें अनुशासन, योजना बनाने और संरचित सोच का महत्व समझ में आया, जिसने आगे चलकर तकनीक और उत्पाद विकास में उनकी मदद की।
बाद में उन्होंने Lagnever AI नामक एक शैक्षणिक एप्लिकेशन विकसित किया, जो छात्रों को एनसीआरटी आधारित उत्तर, स्मार्ट व्याख्याएं, हस्तलिखित शैली के नोट्स, फ्लैशकार्ड, हिस्ट्री ट्रैकिंग और प्रभावी लर्निंग टूल्स प्रदान करता है। Lagnever AI का विचार उनकी अपनी शैक्षणिक चुनौतियों और छोटे शहरों व सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यक्तिगत लर्निंग सपोर्ट की कमी से प्रेरित है। ऐप के विकास, डिजाइन और सुधार में उनकी व्यक्तिगत भागीदारी रही है। उनका दीर्घकालिक लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के क्षेत्र में गहराई से काम करना और Lagnever AI को भारत का अग्रणी शैक्षणिक और इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बनाना है, जो देशभर के छात्रों के लिए सुलभ और किफायती हो।
अपनी इस यात्रा के दौरान उन्हें अपने चचेरे भाई इबरार अंजुम से लगातार मार्गदर्शन और सहयोग मिला, जिन्होंने उन्हें व्यावहारिक समाधान सोचने, निर्णय लेने और हर चरण में सही दिशा दिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इमरान का उद्देश्य यह दिखाना है कि दृढ़ संकल्प, सीखने की लगन और सही मार्गदर्शन मिलने पर भारत के किसी भी हिस्से, यहां तक कि सीमावर्ती क्षेत्रों से भी नवाचार उभर सकता है।