पिछले लगभग 1 सप्ताह से IndiGo एयरलाइंस की उड़ान सेवाओं के बुरी तरह से प्रभावित होने और लगातार फ्लाइट्स के रद्द होने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। हालांकि एयरलाइंस कंपनी लगातार स्थिति को सामान्य बनाने के लिए अपनी तरफ से कोशिशें कर रही है, लेकिन कर्मचारियों के कम होने की बात एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गयी है।
एयरलाइंस कंपनी में कर्मचारियों को नियुक्त करना उनकी आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। बात अगर नागरिक उड्डयन क्षेत्र (Civil Aviation Sector) में सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति की करें तो यहां भी लगातार रिक्तियां बनी हुई है, जिस वजह से दावा किया जाता है कि इसका असर यात्री सेवाओं व अन्य कार्यों पर भी पड़ रहा है।
नागरिक उड्डयन क्षेत्र में 3 अलग-अलग संस्थाएं होती हैं, जहां कर्मियों की नियुक्ति सरकारी स्तर पर की जाती है। इनमें डिरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA), ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) शामिल है। दावा किया जा रहा है कि इन तीनों संस्थाओं में बड़ी संख्या में रिक्तियां रहने की वजह से काम पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।
क्या कहते हैं इन तीनों संस्थाओं में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से प्राप्त 31 मार्च 2025 तक की नियुक्तियों के आंकड़े?
कुल स्वीकृत पदों की संख्या -
DGCA - 1692
BCAS - 598
AAI - 25730
भरे हुए पदों की संख्या -
DGCA - 878
BCAS - 374
AAI - 16228
वहीं बात अगर रिक्त पदों की करें, तो इन तीनों संस्थाओं में 31 मार्च 2025 तक रिक्त पदों की संख्या भी काफी ज्यादा थी।
रिक्त पदों की संख्या -
DGCA - 814
BCAS - 224
AAI - 9502
पिछले 5 सालों में हुई नियुक्तियां
हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इन तीनों संस्थाओं में नियुक्तियां बिल्कुल नहीं हुई है। पिछले 5 सालों के दौरान तीनों संस्थाओं में नियुक्तियां भी हुई है, जिसके संबंध में आंकड़े आगे दिए जा रहे हैं -
*साल 2020 से 31 मार्च 2025 के बीच DGCA ने कुल 133 नियुक्तियां की थी। इनमें से वर्ष 2022 और 2023 में नियुक्तियों की संख्या शून्य बतायी गयी है।
*वहीं साल 2021 से 31 मार्च 2025 के बीच BCAS ने विभिन्न पदों पर कुल 354 नियुक्तियां की थी।
*बात अगर AAI की करें, तो वर्ष 2020 से 31 मार्च 2025 के बीच AAI ने कुल 1835 नियुक्तियां की थी। इनमें से सिर्फ वर्ष 2021 में शून्य नियुक्ति बतायी गयी है, क्योंकि वह अतिमारी कोविड से प्रभावित हुआ था।
जानकारों का मानना है कि नियुक्तियां होने के बावजूद नागरिक उड्डयन क्षेत्र में जितनी रिक्तियां बनी रह गयी हैं, उसका असर काम पर निश्चित रूप से पड़ता होगा।