बच्चे का पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लग रहा। जबर्दस्ती रोज पढ़ने बिठाना संभव नहीं है और पढ़ने बिठाने पर भी उसके पीछे लगातार बकबक करनी पड़ती है। या तो लिखना नहीं चाहता, या फिर पाठ याद नहीं करना चाहता। लेकिन हमेशा डांटकर, मारकर पढ़ने नहीं बिठाया जा सकता। तो फिर उपाय क्या है? बच्चे का ध्यान बढ़ाने के लिए क्या करें? यहां हैं आसान टिप्स।
बच्चे की पढ़ाई में रुचि न होने के पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं। स्क्रीन टाइम अत्यधिक बढ़ जाने पर बच्चा पढ़ाई में रुचि खो सकता है। वह लगातार मोबाइल में डूबा रहे तो किताब-कॉपी से प्रेम नहीं होगा। इसके अलावा अत्यधिक पढ़ाई का दबाव भी कई बार लेखा-पढ़ी के प्रति अनिच्छा पैदा करता है। सुबह स्कूल, शाम को ट्यूशन, बीच में खेल-कूद का मौका नहीं। इस कारण से भी शायद पढ़ाई अच्छी नहीं लगती। बच्चे का पढ़ाई में मन क्यों नहीं लग रहा, पहले इसका पता लगाने की कोशिश करें। इसी में आपको समाधान मिल जाएगा।
आजकल ऑनलाइन पढ़ाई करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। लेकिन जब पढ़ाने बिठाएं, हाथ के पास कोई डिवाइस न रखें। मोबाइल, लैपटॉप दूर हटाकर पढ़ने बिठाएं। इस तरह के गैजेट पढ़ाई में ध्यान भटका सकते हैं।
लगातार 2-3 घंटे पढ़ाई करने पर बच्चा रुचि खो देगा। इसलिए लगातार पढ़ाने के बजाय बीच-बीच में ब्रेक दें। 45 मिनट पढ़ाई के बाद 10 मिनट का विराम दें। इससे पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी। लेखा-पढ़ी के प्रति एकरसता नहीं आएगी।
एक रूटीन बनाएं। उसमें सोकर उठना, खाना खाना, खेल-कूद करना और पढ़ने बैठने का समय निश्चित रखें। पढ़ाई के अलावा अन्य कामों के लिए भी समय रखें। इससे बच्चा समझेगा कि कौन से समय कौन सा काम करना चाहिए। इसलिए पढ़ने बैठने का समय आने पर वह खुद से किताब-कॉपी लेकर बैठ जाएगा। समय बांधने से उसमें अपना काम खुद करने, निश्चित समय पर करने की आदत बनेगी।
एक दिन में पूरा अध्याय पढ़ाने से बच्चे के दिमाग में कुछ नहीं रहेगा। इसके अलावा एक दिन में सब काम करने को देने से उस पर दबाव भी पड़ेगा। इसलिए छोटे-छोटे लक्ष्य दें। वह स्कूल का टास्क हो या होमवर्क। रोज थोड़ा-थोड़ा करके पढ़ाएं। हर अध्याय, काम बांटकर दें। छोटे-छोटे लक्ष्य देने पर वह जल्दी काम पूरा करेगा और पढ़ाई में मन भी लगेगा।