तीन वैज्ञानिकों को भौतिकी में मिला नोबेल, इनकी खोज के बिना डिजिटल तकनीक संभव नहीं थी

भौतिकी में नोबेल कमेटी के अध्यक्ष ओले एरिक्सन ने कहा, 'शताब्दी पुराना क्वांटम मैकेनिक्स जिस तरह से लगातार नए चमत्कार दिखाता है, उसका जश्न मनाना असाधारण बात है। सभी डिजिटल तकनीक की नींव क्वांटम मैकेनिक्स है।'

By अमर्त्य लाहिड़ी, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Oct 08, 2025 13:01 IST

स्वीडन: 'इलेक्ट्रिकल सर्किट में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम मैकेनिकल टनलिंग और एनर्जी क्वांटाइजेशन' की खोज के लिए 2025 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार डॉ. जॉन क्लार्क, मिशेल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिल रहा है। मंगलवार को स्टॉकहोम की 'रॉयल स्वीडिश अकादमी ऑफ साइंसेज' ने घोषणा की।

भौतिकी में नोबेल कमेटी के अध्यक्ष ओले एरिक्सन ने कहा, 'शताब्दी पुराना क्वांटम मैकेनिक्स जिस तरह से लगातार नए चमत्कार दिखाता है, उसका जश्न मनाना असाधारण बात है। यह बहुत प्रभावी है क्योंकि सभी डिजिटल तकनीक की नींव क्वांटम मैकेनिक्स है।'

नोबेल पुरस्कार कमेटी ने कहा कि हमारे आसपास क्वांटम तकनीक के अनगिनत उदाहरण हैं। जैसे कंप्यूटर माइक्रोचिप में मौजूद ट्रांजिस्टर। इस बार का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम कंप्यूटर और क्वांटम सेंसर सहित अगली पीढ़ी की क्वांटम तकनीक के विकास का अवसर दिया है।

सोमवार को शरीरविज्ञान या चिकित्साविज्ञान का नोबेल पुरस्कार घोषित किया गया था। मेरी ई ब्रुंको, फ्रेड रैम्सडेल और शिमोन साकागुची ने यह पुरस्कार जीता है।

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