पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर गुस्से से उबल रहा है। कुछ दिन पहले, पीओके में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन हुआ था। इस बार, तनाव फिर से बढ़ रहा है, और इस बार आंदोलन का चेहरा जेन-जेड पीढ़ी के नागरिक हैं। शिक्षा क्षेत्र में कई मुद्दों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ यह आंदोलन। छात्र बढ़ती फीस और परीक्षा प्रणाली को लेकर बेहद नाराज़ थे। इस बार, यह शहबाज़ शरीफ सरकार के खिलाफ आंदोलन में बदल गया है।
इस महीने की शुरुआत में, जेनरेशन Z के नागरिक सड़कों पर उतर आए थे। इसके बाद, एक अज्ञात बदमाश ने छात्रों पर गोलीबारी की, जिसमें एक छात्र घायल हो गया। मुजफ्फराबाद में एक व्यक्ति को गोली चलाते हुए एक वायरल वीडियो में दिखाया गया है। आरोप है कि गोलीबारी पुलिस के सामने हुई।
इसके बाद आंदोलन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर टायर जलाकर और आगजनी करके आंदोलन शुरू कर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि एक साल पहले बांग्लादेश और हाल ही में नेपाल में हुए जेनरेशन Z आंदोलन की छाया इस पर देखी जा रही है।
शुरुआत में मुजफ्फराबाद के एक विश्वविद्यालय में फीस और विभिन्न सुविधाओं में वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हुआ था और उसने भी बड़ा रूप ले लिया है। इससे पहले, 2024 में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी। उस समय छात्रों ने शिकायत की थी कि हर 3-4 महीने में सेमेस्टर फीस के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। बाद में, शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी भी आंदोलन में शामिल हो गए।
एक महीने पहले, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अत्यधिक कर बोझ, खाद्यान्न और बिजली की कमी सहित कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।