न्यूयॉर्कः क्या भारत और अमेरिका के बीच धीरे-धीरे बर्फ पिघलने लगी है? सूत्रों के अनुसार, हाल ही में न्यूयॉर्क में दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर चर्चा हुई है। अमेरिकी प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, भारत के व्यापार प्रतिनिधि दल और अमेरिकी अधिकारियों के बीच हुई पहली बैठक काफी अच्छी रही। यह बैठक कई महीनों से अटकी हुई थी। अंततः इस बैठक के होने से दोनों देशों के संबंधों की गांठ खुल सकती है, ऐसा कई लोग मान रहे हैं।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रियर के साथ भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और मुख्य व्यापार वार्ताकार राजेश अग्रवाल ने लंबे समय से अनसुलझे समझौते पर फिर से चर्चा की है। सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्ष अतीत की सभी बातों को दरकिनार करके फिर से व्यापार समझौते पर चर्चा करने के लिए राजी हो गए हैं। न्यूयॉर्क में हुई इस बैठक के बाद पता चल रहा है कि बहुत जल्द ही दोनों देशों के बीच एक अंतरिम समझौता हो सकता है।
रूस से तेल खरीदने के लिए ट्रम्प ने भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था। इसके परिणामस्वरूप अमेरिका में भारतीय निर्यात पर कुल शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया था। इसी कारण 25 अगस्त को निर्धारित बैठक स्थगित कर दी गई थी। ऐसा सूत्रों का कहना है कि धीरे-धीरे दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर हो रहे हैं। अमेरिकी अधिकारी मान रहे हैं कि यदि दोनों देशों के बीच वार्ता ठीक से आगे बढ़ती है, तो चालू वर्ष के अंत से पहले ही एक क्वाड शिखर सम्मेलन आयोजित हो सकता है। अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, 'स्टेट डिपार्टमेंट ने पहले से ही डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी हैं।'
कई लोग मान रहे हैं कि उच्च शुल्क और H-1B वीजा शुल्क में वृद्धि जैसे मुद्दे दोनों देशों के बीच वार्ता को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन वाशिंगटन इस बार भारत के साथ सभी उलझनों को सुलझाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।