गाजाः गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने जाते समय स्वीडन की सामाजिक कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग को हिरासत में लिया गया था। हिरासत के दौरान थुनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगा। उनके साथ मौजूद अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बाल खींचकर, जबरदस्ती थुनबर्ग के शरीर पर इजरायल का झंडा लपेटा गया।
थुनबर्ग के साथ मौजूद दो अन्य सामाजिक कार्यकर्ता मलेशिया के हजवानी हेल्मी और अमेरिका के विंडफील्ड बीवर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि उनकी आंखों के सामने थुनबर्ग को प्रताड़ित किया गया। इजरायली सेना द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद थुनबर्ग को इजरायल का झंडा शरीर पर लपेटने के लिए मजबूर किया गया।
हालांकि इस बारे में इजरायल की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि उस देश के विदेश मंत्रालय ने इससे पहले इस तरह की रिपोर्ट को पूरी तरह से झूठा बताया था ।
पिछले बुधवार अंतरराष्ट्रीय जलसीमा में ग्लोबल समुद फ्लोटिला के कई जहाजों को इजरायल ने रोक दिया। ऐसे ही एक जहाज पर ग्रेटा थुनबर्ग थीं। साथ थे नेल्सन मंडेला के पोते मंडला मंडेला और फ्रांसीसी-फिलिस्तीनी यूरोपीय संसद सदस्य रीमा हसन। कई जहाजों के लगभग 137 लोगों को उस दिन हिरासत में लिया गया।
इस घटना की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि गाजा में अकाल चल रहा है। वहां के आम नागरिकों की बात को ध्यान में रखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता खाना और दवाएं लेकर निकले थे लेकिन गाजा पहुंचने से पहले ही उन्हें रोकने की घटना घटी।
हालांकि शनिवार को 137 लोगों को इजरायली सेना ने तुर्की के इस्तांबुल भेज दिया। इनमें से 36 लोग तुर्की के ही नागरिक हैं। इसके अलावा अमेरिका, मोरक्को, इटली, मलेशिया, कुवैत, लीबिया, जॉर्डन के निवासी भी शामिल हैं।
हेल्मी ने बताया कि इजरायली सेना ने उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया। ठीक से खाना, पानी तक नहीं दिया गया। उल्टे ग्रेटा थुनबर्ग पर अत्याचार किया। उन्हें बालों की मुट्ठी पकड़कर ले जाकर जमीन पर फेंका गया और इजरायली झंडे को चूमने के लिए मजबूर किया गया। ऐसी खबर है कि उस झंडे को लपेटकर तस्वीर खिंचवाने के लिए भी मजबूर किया गया,। अब इजरायल क्या जवाब देता है, दुनिया की नजर उसी ओर है।