इस्लामाबादः पाकिस्तान केआतंकी संगठनजैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर का दावा है कि मिशन के दौरान मौत होने पर 'जन्नत' की गारंटी है। 'जन्नत' तक पहुंचने का यह तथाकथित 'ग्रीन कॉरिडोर' जैश की महिला जिहादी ब्रिगेड जमात-उल-मुमिनात के पास है। अजहर का कहना है कि इस वाहिनी में शामिल होने वालों के लिए 'जन्नत' तय है। परंपरा तोड़ते हुए महिलाओं को कॉम्बैट मिशन में शामिल करने के फैसले के बाद अब महिला जिहादियों का मनोबल बढ़ाने के लिए मसूद अजहर ने यह विशेष संदेश जारी किया है।
हाल ही में जैश प्रमुख मसूद अजहर की बहन और पुलवामा में हमला करने वाले आतंकी की पत्नी उमर फारुक की पत्नी आफिरा फारुक को मुखिया बनाकर इस प्रतिबंधित पाक आतंकी संगठन ने महिला हमलावर ब्रिगेड जमात उल-मुमिनात बनाया है। महिलाओं को लड़ाकू प्रशिक्षण देने के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग कोर्स तुफात अल-मुमिनात शुरू किया गया है।
इस विशेष जिहादी कोर्स शुरू होने के बाद 21 मिनट के एक भाषण में मसूद को भारत के खिलाफ जहर उगलने के अलावा आत्मघाती मिशन के लिए जिहादी महिला लड़ाकुओं को उकसाते हुए भी सुना गया है। साथ ही जैश प्रमुख ने जिहादी महिला लड़ाकुओं के प्रतिद्वंद्वियों को भी चिह्नित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से 'ग्लोबल टेररिस्ट' का तमगा पाने वाले लड़ाकू नेता का दावा है कि जैश के शत्रुओं ने हिंदू महिलाओं को सेना में शामिल किया है। महिला पत्रकारों को भी उनके खिलाफ खड़ा किया है। मसूद ने जैश के शत्रुओं द्वारा नियुक्त इन महिलाओं के साथ ही नई लड़ाकू शाखा की महिला सदस्यों को प्रतिस्पर्धा करने का निर्देश दिया है।
जानकारी मिली है कि बहावलपुर स्थित मरकज़ उस्मान-ओ-अली से 56 वर्षीय मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर ने यह भाषण दिया। मसूद ने संकेत दिया है कि यह नया महिला लड़ाकू जिहादी समूह अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है। भाषण में मसूद ने बताया कि महिलाओं के लिए भी पुरुष लड़ाकों की तरह समान स्तर की समानांतर ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है। उसने जैश की नई शाखा के तहत महिलाओं के प्रशिक्षण और तैनाती की विस्तृत योजना का उल्लेख किया।
अजहर ने कहा कि महिला शाखा की सदस्यों को भी जैश के पुरुष प्रशिक्षुओं की तरह प्रशिक्षण दिया जाएगा। जैसे पुरुष प्रशिक्षु 15 दिन के ‘दौरा-ए-तरबियात’ कोर्स में भाग लेते हैं, वैसे ही ‘जमात-उल-मुमिनात’ में शामिल होने वाली महिलाएं ‘दौरा-ए-तज़किया’ नामक कोर्स में भाग लेंगी। यह प्रशिक्षण बहावलपुर के मरकज़ उस्मान-ओ-अली में ही आयोजित किया जाएगा। अपने भावनात्मक संबोधन में अजहर ने कहा कि उसकी बहन की शहादत से पहले ही वह एक महिला ब्रिगेड बनाने का विचार कर रहा था। उल्लेखनीय है कि मसूद अजहर वही आतंकी है, जो भारत में हुए 2001 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमले, 2016 के पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा बम विस्फोट का मास्टरमाइंड माना जाता है।