वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने आलोचकों या उनके खिलाफ जांच करने वालों के खिलाफ बदला ले रहे हैं। फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी FBI के पूर्व निदेशक जेम्स कोमी के खिलाफ आपराधिक आरोप दायर करना इसी का हिस्सा है। राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत में ही 2017 में ट्रम्प ने कोमी को बर्खास्त कर दिया था। तब से ट्रम्प नियमित रूप से कोमी की आलोचना करते रहे हैं। अब उनके खिलाफ आपराधिक आरोप दायर किए गए हैं।
कोमी का दोष क्या है? 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप का आरोप लगा था। यह भी आरोप था कि हैकिंग और ऑनलाइन दुष्प्रचार के माध्यम से रूस ने ट्रम्प को फायदा पहुंचाया था। FBI की जांच में यह भी सामने आया था कि ट्रम्प के खेमे का रूसी सरकारी अधिकारियों के साथ घनिष्ठ संपर्क था। यही कोमी का दोष था।
ट्रम्प के खिलाफ कोमी की गवाही की जांचः चालू वर्ष के जनवरी में सत्ता में वापस आने के बाद ट्रम्प ने फिर से कोमी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। 2020 में ट्रम्प के खिलाफ कोमी ने जो गवाही दी थी, उसकी जांच ट्रम्प के न्याय विभाग ने शुरू की।उस गवाही में कोमी ने बताया था कि रूसी हस्तक्षेप की जांच की रिपब्लिकन पार्टी ने आलोचना की थी। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने मीडिया में किसी संवेदनशील जानकारी के प्रकाशन की अनुमति नहीं दी थी।
ट्रम्प अपने आलोचकों से बदला ले रहे हैं-आलोचकः विश्लेषकों के अनुसार दूसरे कार्यकाल में ट्रम्प अपने एक के बाद एक आलोचक के खिलाफ कानूनी शक्ति का इस्तेमाल करके बदला ले रहे हैं। कोमी के खिलाफ यह आपराधिक आरोप इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण है।
अटॉर्नी जनरल बॉन्डी पर ट्रम्प का दबावः इससे पहले ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी की आलोचना की थी । उन्होंने दावा किया था कि पैम बॉन्डी उनके आलोचकों के खिलाफ पर्याप्त तेजी से आपराधिक आरोप नहीं लगा रहे हैं। इसके बाद ही कोमी के खिलाफ यह आरोप दायर किया गया।