दीपिका–संदीप रेड्डी वंगा विवाद के बीच 8 घंटे की शिफ्ट पर माधुरी दीक्षित की प्रतिक्रिया आयी है। फिल्म इंडस्ट्री में चल रही 8 घंटे की वर्क शिफ्ट की बहस पर अपनी राय देते हुए बॉलीवुड स्टार माधुरी दीक्षित ने कहा है कि हर कलाकार को यह आज़ादी होनी चाहिए कि वह अपने काम और निजी जीवन का संतुलन कैसे बनाना चाहता है। यह चर्चा तब शुरू हुई जब एक रिपोर्ट के अनुसार दीपिका पादुकोण ने 8 घंटे की शिफ्ट की मांग की थी, जिसके कारण वह प्रभास की आने वाली फिल्म ‘स्पिरिट’ से बाहर हो गईं। इस फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वंगा हैं। इस विवाद के बाद पूरे उद्योग में लंबे शूटिंग घंटों और वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर चर्चा तेज हो गई।
दशकों से हिंदी सिनेमा में सक्रिय माधुरी दीक्षित ने एएनआई से बातचीत में बताया कि कैसे उन्होंने लंबे शूटिंग घंटे बिताते हुए अपनी परिवारिक जिम्मेदारियों को भी संभाला। माधुरी ने कहा कि काम के घंटे तय करना एक व्यक्तिगत फैसला होना चाहिए। जब हम ‘मिसेज देशपांडे’ कर रहे थे, तब हम हर दिन 12 घंटे काम करते थे, कभी-कभी उससे भी ज़्यादा… तो मुझे लगता है कि हर किसी की अपनी पसंद होती है। मैं वर्कहॉलिक हूं, इसलिए मेरे लिए स्थिति अलग है। लेकिन अगर किसी महिला के पास इतनी शक्ति है कि वह कह सके कि ‘मैं इतने घंटे ही काम करूंगी’, तो यह उसका अधिकार है। यह उसकी ज़िंदगी है और वह जैसे चाहती है वैसे करे… ऐसे फैसले लेने की पूरी शक्ति उसे होनी चाहिए। माधुरी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कलाकारों पर किसी खास कामकाजी समय का दबाव नहीं होना चाहिए। उनका यह बयान इंडस्ट्री में चल रही उस बहस से जुड़ता है जिसमें कुछ कलाकार तय समय की शिफ्टों के पक्ष में हैं, जबकि कुछ इसे निजी पसंद बताते हैं।
इससे पहले अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने कहा था कि काम के घंटे हमेशा से कलाकार और निर्माता के बीच समझौते से तय होते आए हैं। हर पेशे में ऐसा ही होता है। मैंने भी सीमित घंटों तक काम किया है। अगर निर्माता मान जाए तो फिल्म होती है, नहीं मानता तो नहीं होती। यह पूरी तरह चुनाव का मामला है। कोई किसी पर कुछ थोप नहीं रहा।