देश के शेयर बाजार में लगातार पांच कारोबारी सत्रों से गिरावट देखी जा रही है। गुरुवार को भी दलाल स्ट्रीट की शुरुआत नकारात्मक रही और बाजार बंद होने से पहले ही गिरावट और गहरी हो गई। इसके चलते देश के दो बेंचमार्क सूचकांकों में 0.65-0.65 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस हफ्ते चारों कारोबारी सत्रों में शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वित्तीय और आईटी सेक्टर में भारी गिरावट के चलते पिछले कुछ घंटों में सेंसेक्स और निफ्टी 50 में गिरावट बढ़ी है। इसी वजह से शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुआ है।
गुरुवार को सेंसेक्स में 556 अंक या 0.68 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसके चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक 81,159 अंक पर आ गया। गुरुवार को निफ्टी 50 में 166 अंक या 0.66 फीसदी की गिरावट आई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक 25,890 अंक पर है। इसका मतलब निफ्टी 50 फिर 25,000 से नीचे आ गया। सेंसेक्स और निफ्टी 50 के साथ-साथ स्मॉल कैप और मिड कैप इंडेक्स में भी अंकों की गिरावट आई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 0.64 फीसदी और निफ्टी स्मॉल कैप 100 इंडेक्स में 0.57 फीसदी की गिरावट आई।
सेंसेक्स और निफ्टी 50 के साथ-साथ दोनों स्टॉक एक्सचेंजों के सेक्टोरल इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई है। निफ्टी में भारत रक्षा और धातु सेक्टोरल इंडेक्स को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई है। रियल्टी, आईटी, भारत पर्यटन, फार्मा और ऑटो जैसे सेक्टोरल इंडेक्स में सबसे ज़्यादा गिरावट देखी गई है।
शेयर बाजार में गुरुवार को आई गिरावट के लिए बाजार विशेषज्ञों ने कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। इस बारे में जियोजित इन्वेस्टमेंट रिसर्च के प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि विदेशी निवेश की निकासी के मद्देनजर निवेशकों ने मुनाफा वसूली का रास्ता अपनाया है। इसके साथ ही दूसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ को झटका लगने का खतरा है। आईटी, फार्मा और ऑटो जैसे दिग्गज सेक्टरों में गिरावट ने भी सेंसेक्स और निफ्टी को नीचे धकेला है। इसके साथ ही अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर भी जटिलताएं हैं। इन सब वजहों से शेयर बाजार में लगातार पांच दिनों से गिरावट का सामना करना पड़ रहा है।
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