मंगलवार को भी भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। दिन भर के कारोबार के बाद बीएसई सेंसेक्स 297.07 अंक गिरकर 82,029 अंक पर और निफ्टी 50 81.85 अंक गिरकर 25,145.50 अंक पर बंद हुआ।
बीएसई 30 इंडेक्स पर कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। बजाज फाइनेंस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा स्टील, टीसीएस और एनटीपीसी के शेयरों में 1.4%-1.8% की गिरावट आई। बैंक निफ्टी 128.55 अंक गिरकर 56,496.45 पर बंद हुआ। मिडकैप निफ्टी में भी 1.15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
बेंचमार्क इंडेक्स का हिस्सा न होने के बावजूद, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया में आज उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। शेयर अपने निर्गम मूल्य से 50% प्रीमियम पर सूचीबद्ध हुआ। दिन के अंत में यह अपने निर्गम मूल्य से 48.2% अधिक पर कारोबार कर रहा था।
बाजार में इतनी गिरावट क्यों आई?
इस दिन मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली का दबाव देखा गया। दोनों सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा क्षेत्रवार दृष्टिकोण से आईटी, बैंकिंग और एफएमसीजी क्षेत्रों में गिरावट देखी गई। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि दूसरी तिमाही के नतीजे और मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने के बाद मांग में कमी आने की आशंका है। नतीजतन मुनाफावसूली का स्तर बढ़ रहा है। इसका असर मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों पर पड़ रहा है। उनका मानना है कि कुछ क्षेत्रों में लार्जकैप पर भी इसका असर पड़ा है। विनोद नायर के अनुसार फिलहाल अल्पावधि में अस्थिरता देखी जा सकती है। हालांकि मध्यम अवधि के लिहाज से देखें तो शेयर बाजार फिलहाल सुरक्षित क्षेत्र में है।
(समाचार एई समय कहीं भी निवेश का सलाह नहीं देता है। शेयर बाजार या किसी अन्य क्षेत्र में निवेश करना जोखिम भरा है। ऐसा करने से पहले अच्छी तरह से अध्ययन करना और विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित है। यह समाचार शैक्षिक और जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है।)