दिन-प्रतिदिन रॉकेट की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है चांदी! पिछले एक साल में चांदी ने 50 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। जिस तरह चांदी के सिक्के या बार खरीदकर रिटर्न मिला है, उसी तरह निवेश के दूसरे तरीकों, जैसे ईटीएफ (ETF) में भी चांदी ने जबरदस्त रिटर्न दिया है।
जो लोग फिजिकल सिल्वर यानी गहने, बार या सिक्कों के रूप में चांदी नहीं खरीदते हैं उन्हें सिल्वर ईटीएफ पर भरोसा है। निप्पॉन इंडिया, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई समेत कई फंड हाउस के सिल्वर ईटीएफ ने पिछले 1 साल में 85-100 फीसदी तक रिटर्न दिया है। हाल ही में चांदी की कीमतों में काफी तेजी आई है।
इसलिए ईटीएफ यूनिट्स की कीमत में भी इजाफा हुआ है। 14 अक्टूबर 2025 को चांदी ने रिकॉर्ड कीमत को छुआ था। ऐसी स्थिति में रिटेल निवेशक भले ही खुश हैं, लेकिन बड़े फंड हाउस और बड़े निवेशकों में खुशी नहीं है। रिटर्न की इतनी असामान्य रफ्तार देखकर वे फिलहाल संशय में हैं। इसीलिए देश के कई बड़े फंड हाउस ने 13-14 अक्टूबर को बड़े फैसले लिए हैं।
सिल्वर ईटीएफ पर बड़ा फैसला
विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई फंड हाउस ने फिलहाल सिल्वर ईटीएफ में नए निवेश पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। फंड हाउस ने फैसला किया है कि फिलहाल सिल्वर ईटीएफ में कोई नया एसआईपी (SIP), एकमुश्त निवेश या स्विच-इन नहीं किया जाएगा। इनमें एसबीआई और टाटा जैसे बड़े फंड हाउस भी शामिल हैं।
बड़े फंड हाउस पहले ही विभिन्न वितरकों, वेल्थ मैनेजरों और इसी तरह की कंपनियों को पत्र भेजकर इस मामले की जानकारी दे चुके हैं। कई म्यूचुअल फंड भी हैं जो चांदी में निवेश करते हैं। हालांकि मिली जानकारी के अनुसार ऐसा निर्णय ईटीएफ को लेकर तो लिया गया है, लेकिन म्यूचुअल फंड के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
मांग के मुताबिक चांदी की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस वजह से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में फिजीकल चांदी की कमी है। कीमती धातुओं पर बनने वाले ईटीएफ की कीमत बाजार में फिजीकल धातु की आपूर्ति पर निर्भर करती है। चांदी की कमी के कारण, चांदी ईटीएफ की कीमत रॉकेट की तेजी से बढ़ रही है। जब तक यह मामला स्थिर नहीं हो जाता और मांग व आपूर्ति के बीच संतुलन नहीं बन जाता, तब तक कई फंड हाउस ने यह फैसला लिया है।
फंड हाउस का फैसला है कि चांदी ईटीएफ में कोई नया एसआईपी, एकमुश्त निवेश या स्विच नहीं होगा। हालांकि यह फैसला कब तक लागू रहेगा, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। बताया जाता है कि पहले से निवेश किए गए रुपयों को निकालने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
निवेशकों को अभी क्या करना चाहिए?
फाइनेंशियल प्लानर नीलांजन दे की सलाह है कि अभी चांदी का व्यापार करना काफी जोखिम भरा है। उनका कहना है कि अभी मनमाने ढंग से अगर चांदी न खरीदें तभी बेहतर है। सोच-समझकर ही निवेश करें। धनतेरस पर भी कितनी चांदी खरीदनी है, यह सोच-समझकर ही तय करना चाहिए।