सावधान, पूर्वजों की तस्वीर घर में इस तरह रखने से बड़ी मुसीबत आ सकती है

By Sayam Krishna Dev, Posted by: लखन भारती

Oct 17, 2025 17:15 IST

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में पूर्वजों की तस्वीर रखने का महत्व है लेकिन इस मामले में कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। घर में पूर्वजों की तस्वीर रखने से यह एक तरफ़ तो अच्छा होता है, लेकिन अगर इसे गलत तरीके से रखा जाए तो यह दुर्भाग्य ला सकता है।

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार किसी के मृत्यु होने पर उनका श्राद्ध कर्म करना आवश्यक होता है। श्राद्ध के समय मृत व्यक्ति की एक तस्वीर की आवश्यकता होती है। इस तस्वीर के सामने पूरा क्रियाकर्म संपन्न किया जाता है। श्राद्ध पूरा होने के बाद लगभग 90 प्रतिशत मामलों में यह तस्वीर घर में कहीं न कहीं टांग दी जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भी घर में पूर्वजों की तस्वीर रखने का महत्व है। लेकिन इस मामले में कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है। घर में पूर्वजों की तस्वीर होने से एक तरफ तो लाभ होता है, लेकिन यदि इसे गलत तरीके से रखा जाए तो यह दुर्भाग्य ला सकता है।


पूर्वजों की तस्वीर रखने के मामले में किन-किन नियमों का पालन करना आवश्यक है ?

वास्तुशास्त्र में किसी भी घर के ठीक केंद्र को उस घर का ब्रह्मस्थान माना जाता है। उस स्थान पर एक ओर किसी भारी वस्तु को नहीं रखना चाहिए, तो दूसरी ओर किसी मृत व्यक्ति की तस्वीर या मूर्ति भी नहीं रखनी चाहिए। इससे घर का संतुलन बिगड़ता है। वास्तुविदों के अनुसार मृत व्यक्ति की तस्वीर या मूर्ति को कभी भी घर की सीढ़ियों पर नहीं रखना चाहिए। इसे स्टोर रूम या गोदाम में नहीं रखा जा सकता। इससे घर में अशांति हो सकती है। कुछ लोग भगवान की मूर्ति या तस्वीर के पास या सामने पूर्वजों की तस्वीर रखते हैं।

वास्तु के अनुसार इस स्थान पर तस्वीर रखना भी अशुभ है। घर के भगवान के घर में या भगवान की तस्वीर के पास कभी भी पूर्वजों की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। सोने के कमरे और बैठक कक्ष की दीवारों पर प्रियजन या पूर्वजों की तस्वीरें लगाना सबसे आम बात है। वास्तुशास्त्र कहता है कि पूर्वजों की तस्वीरें किसी भी स्थिति में नहीं लगानी चाहिए। इसके बजाय उन्हें लकड़ी के स्टैंड या मेज पर रखा जा सकता है।

घर के किस कोने में पूर्वजों की तस्वीर रखना है, यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर के दक्षिण की ओर तस्वीर या मूर्ति रखना सबसे शुभ माना जाता है। यदि यह बिल्कुल संभव न हो, तो इसे उत्तर में भी रखा जा सकता है। ध्यान रखना चाहिए कि तस्वीर या मूर्ति का मुख दक्षिण की ओर हो। कई लोग माता-पिता या प्रिय दादा-दादी की तस्वीर अपने झोवा कमरे में टेबल पर या दीवार पर लटका देते हैं लेकिन वास्तुशास्त्र कहता है कि ऐसा करना उचित नहीं है। झोवा कमरे में पूर्वजों की तस्वीर होने से खतरे की संभावना हो सकती है। साथ ही, बाथरूम या रसोईघर में भी पूर्वजों की तस्वीर या मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।

पूर्वजों की तस्वीर कहाँ रखी जा सकती है ?


वास्तु के अनुसार, पूर्वजों की तस्वीर दीवार पर नहीं लटकाई जानी चाहिए लेकिन इसे ड्राइंग रूम में किसी स्टैंड पर रखा जा सकता है। या फिर मेज़ पर या शोकेस के भीतर भी रखा जा सकता है।

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