लक्ष्मी आएंगी घर-आंगन में। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धन्तेरस मनाया जाता है। इस दिन सोना-चांदी खरीदने की प्रथा है लेकिन एक कौड़ी भी आपकी किस्मत खोल सकती है। जानिए कैसे ?
देशभर में दीपावली के पांच दिन के उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धनतेरस या धन त्रयोदशी मनाई जाती है। इस साल धनतेरस शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस पर खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सोना-चाँदी खरीदने की परंपरा है। सोना-चाँदी के अलावा, इलेक्ट्रॉनिक सामान और झाड़ू भी कई लोग धनतेरस पर खरीदते हैं। प्रचलित विश्वास है कि इस दिन खरीदारी करने से मां लक्ष्मी संतुष्ट होती हैं और संपत्ति तथा समृद्धि प्राप्त होती है। हालांकि, थोड़े पैसे में भी धनतेरस पर लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। जानें कैसे।
संपत्ति प्राप्त करने का तरीका धनतेरस पर घर में 13 दीपक जलाएं। शाम को घर के 13 स्थानों पर ये 13 दीपक जलाने होंगे। आधी रात को प्रत्येक दीपक के सामने एक कड़ी रखें। ऐसा करने से संपत्ति प्राप्त होती है और आर्थिक कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है, ऐसा माना जाता है। गरीबी से मुक्ति का तरीका धनतेरस की शाम को पीपल के पेड़ की जड़ से एक गाँठ बांधें। इसमें पाँच कौड़ियाँ और हल्दी रखें। इसे अपने सिर के चारों ओर आठ बार घुमाएँ। फिर इन कौड़ियों और कुछ पैसे किसी गरीब व्यक्ति को दान कर दें। ऐसा करने से आप गरीबी से मुक्ति पाएंगे। अचानक धन और संपत्ति प्राप्त हो सकती है। कौड़ी धन की देवी लक्ष्मी का प्रतीक है और इसे उचित स्थान पर रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक उन्नति बनी रहती है।
नौकरी और व्यापार में सफलता प्राप्त करेंः
तंत्रशास्त्र के अनुसार धनतेरस की रात को 13 घी के दीपक जलाना शुभ होता है। प्रत्येक दीपक में एक कौड़ी रखें। इसके बाद दीपक को घर के आंगन में रख दें। बीच रात में जब दीपक बुझ जाएं, तो कौड़ियों को आंगन के किसी कोने में गाड़ दें। इससे नौकरी और व्यापार में सभी बाधाओं से मुक्ति मिलेगी। करियर में उन्नति होगी और आर्थिक दृष्टि से लाभ होगा। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा करने के समय दीपक में एक कौड़ी रखना अनिवार्य है। पूजा के बाद सभी नियमों का पालन करते हुए आरती करें। दीपक ठंडा होने पर कड़ी को अलमारी में रख दें। इससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपके परिवार में संपत्ति और समृद्धि की कमी कभी नहीं होगी।