किसी को भी शनिवार को रुष्ट करना पसंद नहीं होता। शनिवार देव को खुश रखने के लिए सप्ताह के किन दिनों में भूलकर भी चप्पल-जूते न खरीदें, यह यहां जानें।
हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्ताह के प्रत्येक दिन किसी न किसी ग्रह के लिए समर्पित होता है। अर्थात सप्ताह के प्रत्येक दिन का अपना एक अधिपति ग्रह होता है। इन सभी ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन पर विभिन्न प्रकार से पड़ता है। इस हिसाब से शनिवार शनिदेव का दिन है। हिंदू धर्म में शनि को कर्मफलों के दाता के रूप में माना जाता है। जैसे हम कर्म करते हैं, उसी के अनुसार हमारे परिणाम शनि ठाकुर देते हैं। शनिदेव को खुश करने के लिए ज्योतिषाचार्य कुछ कार्य करने की सलाह देते हैं। इनमें से एक है शनिवार को चप्पल या जूते नहीं खरीदना। जानिए कि ज्योतिषाचार्य ऐसा क्यों सलाह देते हैं।
शनिवार को चप्पल या जूते क्यों नहीं खरीदने चाहिए ?
वैदिक ज्योतिष हमें बताता है कि शनिवार को चप्पल या जूते खरीदना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। शनिवार शनि का दिन होता है। इस दिन जूते या चप्पल खरीदने से शनि देव की अपमान होता है। जूते चमड़े से बनाए जाते हैं और हिंदू धर्म में चमड़ा अशुद्ध माना जाता है। साथ ही, इस विषय में एक और मान्यता है। शनि देव सरलता और कठोरता के प्रतीक हैं। उन्हें विलासिता बिल्कुल पसंद नहीं है। इसलिए यदि आप नए जूते शनिवार को खरीदते हैं तो शनि देव को यह अप्रिय लगता है। इसका नकारात्मक प्रभाव जातक पर पड़ सकता है। शनि क्रोधित होने का पता कैसे चलेअगर शनि देव आप पर क्रोधित हैं, तो आपको जीवन में कई समस्याओं और बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। वित्तीय नुकसान, तनाव और कार्य में देर होगी। शनि के क्रोध के कारण शरीर में परेशानी होती है और कर्मक्षेत्र में भी जातक को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शनिवार को जूते खरीदने के लिए मजबूर हों तो क्या करें ?
अगर किसी कारणवश आपको शनिवार को जूते खरीदने के लिए मजबूर होना पड़े, तो उन्हें तुरंत पहनें मत। पहले शनिवार को जूते खरीदने के लिए शनिदेव से मन ही मन क्षमा प्रार्थना करें। फिर 'ॐ शनि शनिश्चराय नमः' मंत्र का जाप करें। नए जूतों को रविवार या सोमवार से पहनना शुरू करना अच्छा रहेगा।
किस दिन जूते खरीदें ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधवार और शुक्रवार जूते खरीदने के लिए सबसे शुभ दिन हैं। आप बुधवार और शुक्रवार को नए कपड़े भी खरीद सकते हैं। इससे आपके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहेगी।