वास्तु विशेषज्ञ बता रहे हैं कि घर में कुछ विशेष स्थानों पर मोर के पंख रखना बिल्कुल सही नहीं है। जानें कि घर में किन-किन जगहों पर मोर के पंख कभी भी नहीं रखने चाहिए।
हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र के अनुसार मोर के पंख अत्यंत शुभ होते हैं। मोर के पंख के शुभ प्रभाव से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। मोर के पंख को अपने सिर पर स्वयं श्री कृष्ण ने रखा था। मोर के पंख के अद्भुत लाभों को ध्यान में रखते हुए एक कमरे में रखने की सलाह वास्तु विशेषज्ञ देते हैं। इसके शुभ प्रभाव से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और वित्तीय स्थिति मजबूत होती है।
लेकिन घर में सिर्फ मोर के पंख रखने से काम नहीं चलेगा। यह कहाँ रखना है, यह जानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सही जगह पर रखने से ही मोर के पंख का शुभ प्रभाव आपके जीवन में आएगा। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसी कुछ जगहें हैं, जहाँ कभी भी मोर के पंख नहीं रखने चाहिए। इसके परिणामस्वरूप लाभ की बजाय नुकसान होगा। आपको वित्तीय समस्याओं और पारिवारिक असंतोष में फंसना पड़ सकता है। जानें कि मोर के पंख कहाँ नहीं रखने चाहिए।
उत्तरी-पूर्व दिशाईशान कोण या उत्तरी-पूर्व दिशा में भूलकर भी मोर के पंख न रखें। वैसे तो उत्तरी-पूर्व दिशा को भगवान का निवास माना जाता है, लेकिन इस दिशा में मोर के पंख न रखें। इसके विपरीत नकारात्मक ऊर्जा घर में फैलती है। खर्च बढ़ने के कारण आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मोर के पंख को उत्तर दिशा में रखा जा सकता है। कई लोग वॉलेट में मोर के पंख रखते हैं लेकिन वास्तु अनुसार ऐसा करना कभी भी सही नहीं है। याद रखें, मोर का पंख स्वतंत्रता और व्यापकता का प्रतीक है। इसलिए वॉलेट जैसी बंद जगह में मोर के पंख न रखें। इसके परिणामस्वरूप इसकी शुभ शक्ति बाधित होती है। आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है।
लॉकर या संदूक-अलमारी के लॉकर या संदूक में भी मोर के पंख न रखें।
जहाँ आप गहने, घर के दस्तावेज़ और अन्य कीमती चीजें रखते हैं, वहाँ मोर के पंख रखना सही नहीं है। इसके कारण आप ऋण के जाल में फँस सकते हैं। आप अलमारी के बाहरी हिस्से में मोर के पंख रख सकते हैं।
रसोईघर में भी मोर के पंख भूलकर भी न रखें। रसोईघर के धुएँ, तेल और गर्मी से मोर के पंख को दूर रखें। रसोईघर में मोर के पंख रखने से वे अशुद्ध हो जाते हैं, जो नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। मोर के पंख कहाँ रखें ? पूजा के कमरे या ठाकुर की जगह के पास मोर के पंख रखा जा सकता है। मंदिर में मोर के पंख से बने पंखे से ठाकुर को हवा देने की प्रथा है। दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा मोर के पंख रखने के लिए उपयुक्त हैं।