बीरभूम जिले के सैंथिया थानांतर्गत दक्षिण श्रीजा गांव में वृद्ध की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गयी। मृतक की पहचान मालेक शेख (63) के रूप में हुई है। परिवार का आरोप है कि जब उनके बच्चों को मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिफाइड रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के तहत सुनवाई का नोटिस मिला उसके बाद बाद वह बीमार पड़ गए थे। इस घटना के सामने आने के बाद एक बार फिर से राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है।
परिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वह काम के सिलसिले में पिछले लंबे समय से राज्य से बाहर थे। उनका नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं था। मालेक शेख के दो बेटों जरीफ शेख और शरीफ शेख और एक बेटी मकीना बीबी को हाल ही में SIR की सुनवाई का नोटिस मिला है। परिवार का दावा है कि यह खबर सुनने के बाद ही वह अपने बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान हो गए। स्थानीय लोगों का दावा है कि मालेक शेख काम के सिलसिले में पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश के बनारस में रह रहे थे। वह हाल ही में घर वापस लौटे थे।
परिजनों का कहना है कि मालेक शेख के दोनों बेटों और बेटी ने SIR के लिए फॉर्म भरा था। लेकिन उनका या किसी रिश्तेदार का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं था इसलिए उन्होंने 'अन-मैपिंग फॉर्म' जमा किया। बुधवार को उन्हें सुनवाई का नोटिस मिला। दावा किया जा रहा है कि बेटों और बेटी को यह नोटिस मिलने के बाद ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा। परिवार उन्हें एक स्थानीय डॉक्टर के पास ले गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
इस घटना पर एक बार फिर से राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। घटना की खबर मिलने के बाद सैंथिया के तृणमूल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष साबिर अली उनके घर पहुंचे। परिवार के साथ खड़े होने के साथ-साथ उन्होंने भाजपा पर भी हमला बोला। पलटवार करते हुए भाजपा जिला उपाध्यक्ष कृष्णकांत साहा ने दावा किया कि तृणमूल नेता मृतक के घर जाकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि तृणमूल मृतक के परिजनों को गलत बयान देने के लिए दबाव डाल रही है। घटना के बारे में सैंथिया के BDO सुमन पांडे ने कहा कि मुझे घटना के बारे में जानकारी मिली है। हम इसकी जांच करेंगे।