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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 'योग्य' शिक्षकों की नौकरी की मियाद 31 अगस्त तक बढ़ी, ब्रात्य बसु ने कहा - महत्वपूर्ण फैसला

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने आदेश दिया है कि अभी काम कर रहे 'योग्य' शिक्षक 31 अगस्त तक अपनी सेवाओं को जारी रख सकते हैं।

By Arindam Bandyopadhyay, Posted By : Moumita Bhattacharya

Dec 18, 2025 14:54 IST

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) के 'योग्य' (Eligible) शिक्षकों की नौकरी की मियाद को बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने आदेश दिया है कि अभी काम कर रहे 'योग्य' शिक्षक 31 अगस्त तक अपनी सेवाओं को जारी रख सकते हैं।

साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने की समयसीमा भी बढ़ा दी गई है। बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा 9वीं-10वीं और 11वीं-12वीं स्तर के लिए नियुक्ति प्रक्रिया की समयसीमा को 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है।

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने SSC के 'योग्य' शिक्षकों की मियाद को बढ़ाने के लिए एक याचिका दायर की थी। उस याचिका सुनवाई के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। इस फैसले की वजह से अब 'योग्य' शिक्षकों को 31 अगस्त तक वेतन मिलेगा।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही वर्ष 2016 के SSC पैनल को रद्द कर दिया गया था। उस रद्द किए गए पैनल के 15,000 से ज्यादा 'योग्य' शिक्षकों की नौकरी की मियाद इस साल 31 दिसंबर तक थी। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि SSC की नयी नियुक्ति प्रक्रिया मई 2026 तक पूरी हो जाएगी। इसलिए 'योग्य' शिक्षकों की मियाद सितंबर तक बढ़ाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने आज अगस्त तक की अनुमति दे दी है।

जिम्मेदारी के साथ सही दिशा में बढ़ रहे कदम : ब्रात्य बसु

इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हुए राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने X हैंडल पर पोस्ट साझा किया है। इस पोस्ट में उन्होंने कहा, '9वीं-10वीं और 11वीं-12वीं स्तर पर शिक्षक नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया को 31 अगस्त तक पूरा करने का निर्देश दिया है। इससे हमारे राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सटीक निर्देशों के प्रति कोर्ट के भरोसे को दर्शाता है।'

ब्रात्य बसु ने आगे लिखा है कि इस समयसीमा के दौरान पहले वाले शिक्षक पूर्व की तरह ही अपना काम कर सकेंगे। न्यायाधीश संजय कुमार की बेंच के इस आदेश ने स्पष्ट कर दिया है कि पश्चिम बंगाल सेंट्रल स्कूल सर्विस कमिशन की पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ उचित दिशा में ही आगे बढ़ रही है।

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