'रीढ़ बिकाऊ नहीं' लिखा टी-शर्ट पहनकर एसएससी देने आईं नौकरी गंवाने वाली शिक्षिका

By Author : Sayani Joardar, Published By : Moumita Bhattacharya

Sep 21, 2025 15:15 IST

एसएससी की दो परीक्षाओं में बैठने के बावजूद, शर्मिष्ठा दुआरी ने अपने विरोध का स्वर तेज ही रखा।

मेदिनीपुर, 14 सितंबर : अदालत के आदेश पर एक तरह से मजबूर होकर स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) को 9 साल बाद शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा लेनी पड़ रही है। पिछले रविवार 9वीं-10वीं स्तर की शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा ली गयी थी। इस रविवार को 11वीं-12वीं स्तर की परीक्षा हुई। कई अभ्यर्थी ऐसे भी थे जो पहले 9वीं-10वीं की परीक्षा में बैठे हैं, फिर 11वीं-12वीं की परीक्षा में भी बैठे हैं।

बांकुड़ा की शर्मिष्ठा दुआरी ने भी पहले 9वीं-10वीं स्तर की परीक्षा के बाद 11वीं-12वीं स्तर की परीक्षा भी दी। एसएससी की दो परीक्षाओं में बैठने के बावजूद, उसने अपने विरोध का स्वर तेज ही रखा। पहली परीक्षा में वह 'होक प्रतिवाद' (हो विरोध) लिखी टी-शर्ट पहनकर परीक्षा देने आई थीं। दूसरी परीक्षा में उन्होंने काले रंग की एक टी-शर्ट पहनी थी, जिस पर रीढ़ की एक तस्वीर बनी हुई है। साथ में लिखा है,'बिकाऊ नहीं।' आज बांकुड़ा क्रिश्चियन कॉलेज में शर्मिष्ठा परीक्षा देने आईं।

उन्होंने कहा, 'पिछले दिन कहा था, इस सरकार ने हमें अन्याय के खिलाफ नए सिरे से लड़ना सिखाया। इसलिए 'होक प्रतिवाद' लिखा टी-शर्ट पहनकर आई थी। आज कहूंगी, मेधा के आधार पर नौकरी पाकर भी जिनकी नौकरी गई है, वे अपनी रीढ़ सीधी रखकर ही परीक्षा देने आ रहे हैं। क्योंकि, रीढ़ बिकाऊ नहीं है।'

शर्मिष्ठा का दावा है कि वर्ष 2016 में एसएससी देकर उन्होंने नौकरी पाई थीं। लेकिन नियुक्ति भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से हजारों शिक्षक, शिक्षिकाओं की तरह ही उन्हें भी अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी। उनका का दावा है कि मेधा, योग्यता के आधार पर नौकरी पाकर भी उन्हें नौकरी खोकर नए सिरे से शुरू करना पड़ रहा है। जो दोष उनका था ही नहीं, उन्हें उस दोष की सजा दी गई। शर्मिष्ठा ने बताया कि उनका विरोध जारी रहेगा। अभी वह मैदान छोड़कर भागने वाली नहीं हैं।

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