माइथन-पंचेत बांध से आज फिर छोड़ा गया 70 हजार क्यूसेक पानी, दुर्गापुर बैराज पर बढ़ रहा दबाव

शुक्रवार के बाद शनिवार की सुबह 8.30 बजे से माइथन और पंचेत बांध से कुल 70,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। दोनों बांध से छोड़ा जा रहा पानी दुर्गापुर बैराज में पहुंच रहा है। इस वजह से दुर्गापुर बैराज से भी पानी छोड़ने की मात्रा को बढ़ाना पड़ा है।

By Moumita Bhattacharya

Oct 04, 2025 11:53 IST

दुर्गा पूजा खत्म होने के साथ ही दक्षिण बंगाल पर एक बार फिर से जलमग्न होने का खतरा मंडराने लगा है। DVC से लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से राज्य में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार के बाद शनिवार की सुबह 8.30 बजे से माइथन और पंचेत बांध से कुल 70,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है।

दोनों बांध से छोड़ा जा रहा पानी दुर्गापुर बैराज में पहुंच रहा है। इस वजह से दुर्गापुर बैराज से भी पानी छोड़ने की मात्रा को बढ़ाना पड़ा है।

कुल मिलाकर दुर्गा पूजा खत्म होने के बाद ही दक्षिण बंगाल के कई जिले जैसे पश्चिम वर्धमान, हावड़ा, हुगली आदि में बाढ़ जैसी परिस्थिति पैदा हो गयी है। पश्चिम मेदिनीपुर के घाटाल, चंद्रकोणा में भी कुछ ऐसे ही हालात बनते नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार माइथन बांध से शनिवार को 32,500 क्यूसेक और पंचेत बांध से 37,500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस वजह से दुर्गापुर बैराज से भी ज्यादा पानी छोड़ना पड़ रहा है।

बताया जाता है कि शुक्रवार की रात को 10 बजे दुर्गापुर बैराज से 70,475 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रात को 12 बजे पानी छोड़ने की मात्रा बढ़कर 72,450 क्यूसेक पर पहुंच गयी। शनिवार की सुबह 7 बजे 73,675 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। राज्य के सिंचाई विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि माइथन और पंचेत बांध से जितना पानी छोड़ा जा रहा है, उसकी वजह से दुर्गापुर बैराज से भी पानी छोड़ने की मात्रा को और भी बढ़ाना पड़ेगा।

सिंचाई विभाग के दुर्गापुर शाखा (दामोदर हेड वर्क्स) एग्जिक्यूटिव इंजीनियर संजय मजूमदार ने बताया कि शुक्रवार की रात से दुर्गापुर व आसपास के क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई है। लेकिन माइथन और पंचेत बांध से पानी छोड़ने की वजह से दुर्गापुर बैराज से पानी छोड़ना पड़ रहा है। इधर दुर्गापुर बैराज से पानी छोड़ने के कारण निचली दामोदर घाटी के कई इलाके जलमग्न हो रहे हैं।

राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भूइंया ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2 और 3 अक्तूबर को DVC ने बिना हमसे कोई बात किए ही लगभग 1 लाख 35 हजार क्यूसेक (65 हजार और 70 हजार क्यूसेक) पानी छोड़ दिया है। बार-बार मना करने के बावजूद बंगाल को सड़ाकर मारने के लिए ही केंद्र सरकार DVC से यह सब करवा रही है। अक्टूबर में भी इतना पानी छोड़ा जा रहा है! लेकिन हमने परिस्थिति पर नजरें बनायी हुई हैं।

गौरतलब है कि DVC से पानी छोड़े जाने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर कहा था कि यह आपदा प्राकृतिक नहीं बल्कि DVC निर्मित है।

वहीं अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार की हमेशा से यहीं आदत रही है। हर साल योजनाबद्ध तरीके से DVC मैन-मेड आपदा लाती है। इस बार चुनाव होने वाले हैं, इसलिए केंद्र को अपना बंगाल-विरोधी स्वभाव दिखाना ही पड़ेगा। इतने लोगों का जीवन संकट में डाल देना ही भाजपा की हमेशा से आदत रही है। राज्य को बिना बताए ही यह किया गया है। असल में वे लोग बंगाल में बाढ़ लाना चाहते हैं।

हालांकि DVC की नियंत्रक संस्था दामोदर वैली रिजर्वर रेगुलेशन कमेटी के सदस्य-सचिव संजीव कुमार का दावा है कि पानी छोड़े जाने के बारे में विस्तारपूर्वक सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों और इंजीनियरों को जानकारी दे दी गयी थी।

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