ग्रे मार्केट से 125% प्रीमियम का संकेत मिला था यानी इश्यू प्राइस से 125 प्रतिशत मूल्य वृद्धि का संकेत मिला था। इश्यू प्राइस से अधिकतम कितने अधिक मूल्य पर किसी शेयर की लिस्टिंग हो सकती है, इसको लेकर स्टॉक एक्सचेंज के कुछ नियम हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज - देश के दोनों एक्सचेंजों ने लिस्टिंग की सीमा 90 प्रतिशत तक रखी है। इसी कारण एयरफ्लो की लिस्टिंग 90 प्रतिशत तक सीमित रही।
एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड ने शेयर बाजार में दमदार प्रवेश किया। इस कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के लिए आईपीओ लाया था। इसके शेयर का आईपीओ इश्यू प्राइस 140 रुपये था। गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एयरफ्लो के शेयर 266 रुपये पर लिस्ट हुए। इसका मतलब इश्यू प्राइस से लगभग 90 प्रतिशत अधिक मूल्य पर लिस्टिंग हुई। इस कंपनी के आईपीओ में जिसने निवेश किया था, उन्हें पहले ही दिन बड़ी रकम का रिटर्न मिला।
ग्रे मार्केट से 125% प्रीमियम का संकेत मिला था यानी इश्यू प्राइस से 125 प्रतिशत मूल्य वृद्धि का संकेत मिला था। इश्यू प्राइस से अधिकतम कितने अधिक मूल्य पर किसी शेयर की लिस्टिंग हो सकती है, इसको लेकर स्टॉक एक्सचेंज के कुछ नियम हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज - देश के दोनों एक्सचेंजों ने लिस्टिंग की सीमा 90 प्रतिशत तक रखी है। इसी कारण एयरफ्लो की लिस्टिंग 90 प्रतिशत तक सीमित रही।
65 लाख फ्रेश शेयर जारी करके इस कंपनी ने बाजार से 91 करोड़ 10 लाख रुपये जुटाए। इस आईपीओ को खरीदने के लिए 301 गुना आवेदन जमा हुए थे। इसमें नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों ने सबसे अधिक आवेदन किए थे (349 गुना)। आईपीओ के साथ-साथ एंकर निवेशकों से इस कंपनी ने 25 करोड़ 93 लाख रुपये जुटाए।
आईपीओ से जो पैसा आया है उससे विभिन्न मशीनें और उपकरण खरीदेगी एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी। बाकी हिस्सा कर्ज चुकाने के काम में इस्तेमाल होगा। यह कंपनी इंटीग्रल कोच फैक्टरी सहित देश की कोच फैक्टरियों को विभिन्न प्रकार के पुर्जे की आपूर्ति करती है। इसके साथ-साथ यह कंपनी एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में भी पुर्जे आपूर्ति करती है।
(एई समय ऑनलाइन कहीं भी निवेश के लिए सलाह नहीं देता है। शेयर बाजार या किसी भी क्षेत्र में निवेश जोखिम भरा होता है। इससे पहले ठीक से पढ़ाई और विशेषज्ञ की सलाह लेना वांछनीय है। यह खबर शिक्षा संबंधी और जागरूकता के लिए प्रकाशित की गई है।)