इंटरनेशनल मार्शल आर्ट प्लेयर रोहिणी कलम ने की खुदकुशी, मौके से नहीं मिला सुसाइड नोट

By नवीन पाल, Posted by:लखन भारती

Oct 27, 2025 12:08 IST

रोहिणी कलम जुजित्सु की इंटरनेशनल प्लेयर थीं और मार्शल आर्ट की कोच भी थीं। रोहिणी सीहोर के आष्टा में एक प्राइवेट स्कूल में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देती थीं। पिछले साल ही उन्होंने अबू धाबी में हुए इंटरनेशनल जुजित्सु टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था।

मध्य प्रदेश की इंटरनेशनल जुजित्सु खिलाड़ी और मार्शल आर्ट कोच रोहिणी कलम ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। रोहिणी कलम का शव उनके देवास स्थित घर पर फांसी के फंदे पर झूलता मिला। रोहिणी एक दिन पहले ही घर वापस लौटी थीं। हालांकि पुलिस को मौके से सुसाइड नोट नहीं मिला है।


हत्या के कारणों का नहीं चल सका पता

पूरा मामला देवास शहर में अर्जुन नगर राधागंज का है। यहां रोहिणी कलम अपने परिवार के साथ रहती थीं। एक दिन पहले ही वह अपने घर वापस लौटी थीं। रोहिणी की मौत के बाद परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है लेकिन सुसाइड नोट ना मिलने के कारण आत्महत्या के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले में इंटरनेशनल प्लेयर के परिवार और दोस्तों से पूछताछ कर रही है। जिससे ये पता चल सके कि रोहिणी के सुसाइड करने के पीछे क्या कारण था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि रविवार सुबह नाश्ता करने के बाद उन्होंने फोन पर किसी से लंबी बातचीत की। इसके बाद वह अपने कमरे में गईं और अंदर से दरवाज़ा लॉक कर दिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली। मृतका की बहन का कहना है कि, 'दीदी नौकरी को लेकर चिंतित थीं। उनके सहकर्मी उन्हें परेशान कर रहे थे। स्कूल के प्रिंसिपल भी इसमें शामिल थे। मैंने उनके फोन की बातचीत से यह समझा।' रोहिणी पाँच भाई-बहन हैं। वह परिवार की बड़ी संतान थीं। परिवार के सदस्य रोहिणी की शादी करने की कोशिश कर रहे थे। कई शादियों के प्रस्ताव आए, लेकिन रोहिणी ने उन्हें खारिज कर दिया। रोहिणी का लक्ष्य एक आईपीएस अधिकारी बनने और विक्रम पुरस्कार जीतने का था लेकिन वह यह हासिल नहीं कर पा रही थीं। परिवार ने बताया कि वह शारीरिक समस्याओं से भी पीड़ित थीं।

रोहिणी कलम का करियर 2007 में रोहिणी ने अपने खेल करियर की शुरुआत की। उन्होंने 2015 में पेशेवर रूप से जुजुत्सु खेलना शुरू किया। उन्होंने हांगझोउ में आयोजित 19वें एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया। बर्मिंघम के वर्ल्ड गेम्स में वह एकमात्र भारतीय एथलीट थीं जिन्होंने हिस्सा लिया। एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने कई पदक जीते।

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