हॉकी इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों के साथ हाथ मिलाने की अनुमति दी

By तानिया राय, Posted by: लखन भारती

Nov 05, 2025 19:18 IST

हॉकी इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ मिलाने की अनुमति दे दी है। भविष्य में होने वाले मैचों में खिलाड़ियों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। हॉकी इंडिया ओलंपिक चार्टर और एफआईएच के नियमों का पालन करेगा। यह फैसला खेल भावना को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।

हॉकी इंडिया (HI) ने साफ कर दिया है कि वे अपने सीनियर और जूनियर पुरुष और महिला टीमों को भविष्य में पाकिस्तान की टीमों के साथ हाथ मिलाने या हाई-फाइव करने से नहीं रोकेंगे। यह फैसला मलेशिया में सुल्तान ऑफ जोहोर कप के दौरान भारतीय जूनियर हॉकी खिलाड़ियों के पाकिस्तान के खिलाड़ियों के साथ हाई-फाइव करने के बाद आया। सोशल मीडिया पर इस खेल भावना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थीं, क्योंकि इससे पहले भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम ने एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था।

हॉकी इंडिया के सचिव भोला नाथ सिंह ने कहा कि उनका संगठन ओलंपिक चार्टर और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) के सिद्धांतों का पालन करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि क्रिकेटरों के फैसले से हॉकी इंडिया का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हम क्रिकेट से शासित नहीं होते हैं। खिलाड़ियों ने जो किया वह उनकी अपनी पसंद थी। हम ओलंपिक चार्टर और FIH के नियमों का पालन करते हैं। हॉकी इंडिया ने अपने खिलाड़ियों को हाथ मिलाने या हाई-फाइव से बचने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है। हमने खेल भावना का पालन किया है। हमने खिलाड़ियों को कभी कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया। भविष्य में पाकिस्तान के साथ होने वाली मुलाकातों में भी हॉकी इंडिया अपने खिलाड़ियों को कोई निर्देश नहीं देगा। हम खेलेंगे और जीतने की कोशिश करेंगे।

यह बयान 7 नवंबर को भारतीय हॉकी के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले समारोहों की तैयारियों की घोषणा के मौके पर दिया गया। इस मुख्य समारोह का आयोजन मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में होगा। 7 नवंबर को एक 30 मिनट का प्रदर्शनी मैच भी खेला जाएगा। इस मैच में खेल मंत्री की 11 और हॉकी इंडिया की मिश्रित 11 (पुरुष और महिला) टीमें हिस्सा लेंगी। इस मैच का उद्देश्य लैंगिक समानता, टीम वर्क और समावेशिता को बढ़ावा देना होगा, जिसमें राष्ट्रीय पुरुष और महिला दोनों टीमों के खिलाड़ी भाग लेंगे।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब क्रिकेट जगत में भारत और पाकिस्तान के बीच खेल भावना को लेकर अलग-अलग रवैये देखे गए थे। जहां हॉकी इंडिया ने खेल भावना को सर्वोपरि रखने का निर्णय लिया है, वहीं क्रिकेट में खिलाड़ियों ने राजनीतिक तनाव के चलते एक अलग रुख अपनाया था। हॉकी इंडिया का यह कदम खेल को राजनीति से अलग रखने की एक स्पष्ट मिसाल पेश करता है। हॉकी इंडिया का मानना है कि खेल के मैदान पर खिलाड़ियों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, भले ही दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध कैसे भी हों। यह हॉकी के लिए एक सकारात्मक कदम है जो खेल की भावना को बनाए रखने में मदद करेगा।

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