भारत में होने वाले ICC मेन्स जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में पाकिस्तान ने हिस्सा लेने से मना कर दिया है। उन्होंने इसका कारण भारत के साथ चल रहे तनाव को बताया है। अब इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन (FIH) इस बात का फैसला लेगा कि पाकिस्तान की जगह किस टीम को टूर्नामेंट में जगह दी जाए।
इस टूर्नामेंट में 24 टीम हिस्सा ले रही है। पाकिस्तान, भारत, चिली और स्विट्जरलैंड को एक ग्रुप में रखा गया था। इससे पहले भी अगस्त 2025 में राजगीर (बिहार) में हुए हॉकी एशिया कप में भी पाकिस्तान टीम नहीं खेली थी। उसकी जगह बांग्लादेश को मौका मिला था।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसी के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव जारी है। पहली बार देखा गया है कि इस तनाव का असर खेल संबंधों पर भी पड़ा है।
क्रिकेट विवाद के बाद हॉकी पर असर
पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (PHF) के प्रेसिडेंट राणा मुजाहिद ने कहा- हमें लगता है कि इस समय हालात ठीक नहीं हैं। हाल ही में हुए एशिया कप क्रिकेट में भी भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में दूरी दिखी। उनके खिलाड़ियों ने हमारे खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। उन्होंने मोहसीन नकवी से ट्रॉफी लेने से भी मना कर दिया। इसलिए हमने इस टूर्नामेंट में हिस्सा न लेने का फैसला किया है।
सरकार की सलाह के बाद लिया फैसला
पीएचएफ के एक सीनियर अधिकारी ने कहा- यह फैसला पाकिस्तान सरकार और स्पोर्ट्स बोर्ड की सलाह पर लिया गया। सरकार ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक तनाव के माहौल में टीम को भारत भेजना सुरक्षा के लिहाज से जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए टीम को नहीं भेजने का फैसला लिया गया। अधिकारी ने कहा, हमें पता है यह जूनियर टीम के लिए बड़ा नुकसान है, लेकिन इतने बेकार माहौल में यही फैसला सही और समझदारी भरा है।
दिलीप तिर्की ने जताया अफसोस
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की ने कहा- पाकिस्तान जूनियर हॉकी टीम के लिए भारत के दरवाजे हमेशा खुले हैं। सरकार ने भी पाकिस्तान को खेलने की अनुमति दी थी। हालांकि, द्विपक्षीय तनाव और सुरक्षा चिंताओं के चलते पाकिस्तान ने टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया।