विंबलडन से ऑस्ट्रेलियन ओपन तक, हाल के समय में अधिकांश ग्रैंड स्लैम में चैंपियन कार्लोस अल्काराज़ या जानिक सिनर ही रहे हैं। फाइनल में इन दोनों सितारों के मैच देखना अब एक परिचित दृश्य बन गया है। कभी-कभी उस सूची में नोवाक जोकोविच का नाम भी शामिल हो जाता है लेकिन क्या यह सिर्फ सिनर-अल्काराज़ के जबरदस्त प्रदर्शन के कारण है? या इसके पीछे कुछ और है? इस विषय पर कुछ दिन पहले रोजर फेडरर ने अपनी राय रखी थी। अब एलेक्सांदर जरेव के गले से भी वही सुर सुनाई दिया। टूर्नामेंट के आयोजक अल्काराज़ और सिनर को अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करते हैं, ऐसा उनका दावा है।
ज़ेरेव ने क्या कहा ?
ज़ेरेव का आरोप है कि टूर्नामेंट के कोर्टों को अल्काराज और सिनर की खेलने की शैली के अनुकूल बनाने के लिए और धीमा कर दिया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, चाहे वह घास का कोर्ट हो या मिट्टी का, खिलाड़ियों को हर जगह एक ही तरह का टेनिस खेलना पड़ रहा है। खेल की विविधता और संतुलन खराब हो रहा है। शंघाई मास्टर्स में वेलेंटिन रॉयर के खिलाफ मैच खेलने के बाद ज़ेरेव ने इस बारे में बात की।
जर्मन स्टार ने कहा, 'अगर हर कोर्ट एक ही प्रकार का होगा तो यह बहुत ही उबाऊ लगता है। टूनामेंट के आयोजक जानबूझकर ऐसे कोर्ट बनाते हैं ताकि कार्लोस और सीनर सफल हो सकें। पहले घास, क्ले और हार्ड कोर्ट—हर एक पर अलग तरह से टेनिस खेलना पड़ता था। अब वह अंतर भी नहीं रहा। टेनिस के लिए यह अच्छा विज्ञापन नहीं है।' कुछ दिन पहले इसी विषय पर पूर्व स्टार रोजर फेडरर ने भी अपनी आवाज उठाई थी।
हालांकि इस आलोचना का जवाब देने के लिए यानिक सिनर सामने आए। उन्होंने कहा, 'मैं या कार्लोस, कोई भी टेनिस कोर्ट खुद नहीं बनाता। हर जगह परिस्थितियों और कोर्ट के अनुसार खेलने की कोशिश करता हूं। तेज गति वाले कई कोर्टों पर भी मैंने काफी अच्छा टेनिस खेला है।'
इस बारे में कार्लोस अल्काराज़ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, फेडरर के बाद ज़ेरेव ने भी इसी विषय पर अपनी बात रखी, जिससे टेनिस प्रेमियों के बीच चर्चा चल रही है।