विश्व मंच पर विभिन्न खेल क्षेत्रों में भारतीयों का दबदबा दिखाई दे रहा है। पैरालिंपिक खिलाड़ी भी इसका अपवाद नहीं हैं। दक्षिण कोरिया में पैरा आर्चरी वर्ल्ड चैंपियनशिप का आयोजन हुआ। वहां एक ही दिन में तीन पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया महिला पैरालिंपिक खिलाड़ी शीतल देवी ने। महिलाओं के कंपाउंड इवेंट में व्यक्तिगत रूप से गोल्ड जीतने वाली 18 साल की शीतल ने विश्व की वर्तमान नंबर एक ओज़ुनुर कुरेगर को हराकर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
इससे इस टूर्नामेंट में उन्होंने तीसरा पदक जीता। इससे पहले डबल्स इवेंट में सरिता अधाना के साथ मिलकर शीतल ने रजत पदक जीता था। मिक्स्ड इवेंट में तोमन कुमार के साथ जोड़ी बनाकर उन्होंने कांस्य पदक जीता। उनकी इस सफलता से देशवासियों में खुशी की लहर है।
पैरालिम्पिक्स में शीतल देवी ने अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। वहां उन्होंने कांस्य पदक जीता था। इस बार उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी उस धारा को जारी रखा।
फाइनल में उन्हें ओजुनुर के खिलाफ कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। पहला राउंड 29-29 अंक से ड्रॉ होता है लेकिन लगातार दो राउंड में शीतल ने तीन-तीन बार परफेक्ट टेन स्कोर किया। अंत में 146-143 के परिणाम से मैच जीतकर वे चैंपियन बनीं और स्वर्ण पदक जीता। इसके साथ ही शीतल ने 2023 विश्व चैंपियनशिप के फाइनल का मीठा बदला लिया।
मिक्स्ड इवेंट में भी फॉर्म बनाए रखते हैं शीतल देवी। इस मामले में जोड़ी बनाते हैं तुमन कुमार के साथ। शीतल को कड़े चुनौती का सामना करना पड़ता है ग्रेट ब्रिटेन के जोडी ग्रीनहम और नाथन मैक्वीन से। पहले 37-34 से बढ़त लेते हैं शीतल और तुमन। हालांकि अंत तक ब्रिटेन की जोड़ी के सामने 152-149 से हारे और कांस्य पदक जीतते हैं वे। विश्व मंच पर पारा आर्चरी में भारत की ताकत दिन-ब-दिन बढ़ रही है, इसका प्रमाण यह सफलता है।
डबल्स इवेंट में तुर्की की जोड़ी ओजनुर कुरे गिर्दी और बर्सा फातमा उनर के खिलाफ शीतल और सरिता उतरीं। पहले उन्होंने 38-37 के अंतर से बढ़त बनाई। हालांकि पूरे मैच में कड़ी टक्कर रही। फाइनल राउंड में जाने से पहले भी मैच का स्कोर 132-132 था। अंततः तुर्की की जोड़ी ने लय बनाए रखी। 152-149 के अंतर से जीतकर उन्होंने सोना जीता। रजत जीतकर शीतल देवी और सरिता आदान को संतोष करना पड़ा।
मिक्स्ड इवेंट में भी शकुंतला देवी अपना फॉर्म बनाए रखती हैं। इस मामले में वह तुमन कुमार के साथ जोड़ी बनाती हैं। शानदार चुनौती के सामने उन्हें ग्रेट ब्रिटेन के जोडी ग्रीनहम और नाथन मैक्विन का सामना करना पड़ता है। पहले 37-34 से शकुंतला और टूमन आगे रहते हैं लेकिन अंततः ब्रिटेन की जोड़ी से 152-149 से हारे और कांस्य पदक जीतते हैं। विश्व मंच पर पैराआर्चरी में भारत की ताकत दिन-ब-दिन बढ़ रही है, इसका प्रमाण इस सफलता ने दिया।