एनडीए के मुखर आलोचक पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने भाजपा से दिया इस्तीफ़ा

आरके सिंह ने इस्तीफ़ा देने के बाद कहा कि ऐसी पार्टी में रहने का कोई अर्थ नहीं, जो अपराधी पृष्ठभूमि वाले लोगों को टिकट देती हो। अपराधियों को टिकट देने का विरोध करना यदि ‘पार्टी-विरोधी गतिविधि’ माना जा रहा है तो वे ऐसी जगह नहीं रह सकते।

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Nov 16, 2025 09:10 IST

नई दिल्लीः पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा के पूर्व सांसद आरके सिंह ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफ़ा पत्र भेज दिया। भाजपा ने उन्हें पार्टी-विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया था। आरके सिंह ने इस्तीफ़ा देने के बाद कहा कि ऐसी पार्टी में रहने का कोई अर्थ नहीं, जो अपराधी पृष्ठभूमि वाले लोगों को टिकट देती हो। यह संगठन के हित में नहीं है। अपराधियों को टिकट देने का विरोध करना यदि ‘पार्टी-विरोधी गतिविधि’ माना जा रहा है तो वे ऐसी जगह नहीं रह सकते।

पार्टी नेतृत्व और एनडीए नेताओं के आलोचक थेः मालूम हो कि आरके सिंह पिछले कई महीनों से पार्टी नेतृत्व और एनडीए सरकार की नीतियों पर असहमति जताते रहे थे। उन्होंने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जदयू नेता अनंत सिंह समेत कई नेताओं की आलोचना की थी। चुनाव के दौरान क़ानून-व्यवस्था को लेकर उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए थे।

सिंह ने लगाया था 62000 करोड़ के घोटाले का आरोपः इससे पहले, सिंह ने राज्य सरकार पर 62 000 करोड़ रुपये के बिजली परियोजना से जुड़े एक बड़े भ्रष्टाचार घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने इससे संबंधित दस्तावेज अपने X हैंडल पर साझा किए और चुनाव आयोग से सख़्ती से आचार संहिता लागू करने की मांग की थी।

भाजपा का निलंबन नोटिसः भाजपा के निलंबन नोटिस में कहा गया कि सिंह की गतिविधियों से पार्टी को नुकसान पहुँचा है और यह गंभीर अनुशासनहीनता है।

निलंबन पर सिंह की नाराज़गीः पार्टी द्वारा जारी निलंबन पत्र में उन्हें आरोपों पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था लेकिन कथित पार्टी-विरोधी गतिविधियों का कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया। सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि अस्पष्ट आरोपों पर वह कोई जवाब नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि संभवतः अपराधी छवि वाले लोगों को टिकट दिए जाने के विरोध में दिए गए उनके बयान को आधार बनाकर यह कार्रवाई की गई है।

राजनीतिक सफरः आरके. सिंहआरा से दो बार सांसद रह चुके हैं और ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री भी रहे। 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी सीट हार गए थे। हालिया 2025 बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की जीत के तुरंत बाद उनका निलंबन और अब इस्तीफ़ा चर्चा का विषय बन गया है।

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