पाकिस्तानी क्रिकेटरों के साथ हाथ न मिलाने से लेकर पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इंकार तक। कप्तान के फैसले की आलोचना की गई, लेकिन अधिकांश भारतीय और क्रिकेट प्रेमी उनके साथ खड़े रहे लेकिन, क्रिकेटीय मानकों के हिसाब से एशिया कप में उनके योगदान का मूल्यांकन करने पर ही कप जीतने की सफलता में ढाका सूरज की पुराने स्कोरबोर्ड की तस्वीर सामने आती है। यही विषय उठते ही भारतीय टी-20 टीम के कप्तान के गले से लंबा और विस्तृत सफाई सुनाई दी।
पूरे टूर्नामेंट के दौरान सूर्यकुमार के बल्ले से लगातार सूखा रहा। टूर्नामेंट के दूसरे मैच में पाकिस्तान के खिलाफ, नाबाद 47 रन छोड़कर और कुछ खास नहीं किया। एशिया कप के बाकी मैचों में उनके स्कोर थे 0, 5, 12 और 1। फाइनल में भी उनका फॉर्म वही रहा। एशिया कप के फाइनल में अभिषेक शर्मा आउट होने के बाद सूर्य क्रीज पर आए। शाहीन अफरीदी की पांचवीं गेंद पर हवा में शॉट खेलते ही सूर्य विकेट गंवा बैठे। पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा ने मिड ऑफ़ में कैच लिया। रविवार को सिर्फ 5 गेंदों में 1 रन बनाकर सूर्य पवेलियन लौटे।
इस सीरीज में उनके व्यक्तिगत आँकड़ों को लेकर सवाल उठने पर सूर्यकुमार ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं फॉर्म से बाहर नहीं हूँ, बस मेरे बल्ले से रन नहीं आ रहे हैं। लगता है मैं रन से बाहर हूँ।’ बस इतना ही नहीं, सूर्यकुमार ने कहा, ‘मैं नेट पर जो कर रहा हूँ और अपनी तैयारी पर मेरा विश्वास है। इसलिए मैच में सब कुछ अपने आप होता है।’
हालांकि कप्तान के रूप में सूरजकुमार ने एशिया कप में दो हाथ भरे हैं। इसके अलावा, टी-20 कप्तान के रूप में उनका रिकॉर्ड भी अद्वितीय है। एशिया कप से पहले उनके नेतृत्व में भारत ने श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला जीत का रिकॉर्ड बनाया। एशिया कप में लगातार सात मैच जीतकर सूरजकुमार के नेतृत्व में भारत ने अपना नौवां खिताब जीता।