दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए एशिया कप (Asia Cup) का फाइनल भारत ने जीत लिया। लेकिन टूर्नामेंट खत्म होने के बावजूद एशिया कप को लेकर विवादों का सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। भारतीय टीम के कप्तान ने PCB अध्यक्ष मोहसिन नकवी के हाथों से ट्रॉफी और मेडल लेने से इनकार कर दिया।
इधर भारत ने ट्रॉफी लेने से इनकार किया और उधर PCB अध्यक्ष मेडल व ट्रॉफी लेकर चलते बने। भारतीय टीम ने बिना ट्रॉफी के लिए इस जीत को सेलिब्रेट किया।
लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने मोहसिन नकवी की अकड़ को घुटनों पर ला दिया। दुबई में हुई ACC की आम बैठक में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी के एशिया कप की ट्रॉफी और मेडल को अपने साथ ले जाने पर कड़ी आपत्ति जतायी।
BCCI के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने वर्चुअल माध्यम से इस बैठक में हिस्सा लिया था। राजीव शुक्ला ने ट्रॉफी को ACC की संपत्ति बतायी। यह किसी एक व्यक्ति की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने मोहसिन नकवी की आलोचना करते हुए कहा कि नकवी ने बिना किसी उचित हैंडओवर के ट्रॉफी और मेडल अपने साथ ले गए।
हालांकि नकवी ने BCCI से माफी तो मांगी है, लेकिन उन्होंने एक शर्त भी रखी है। नकवी ने कहा है कि अगर भारत मेडल व ट्रॉफी लेना चाहता है तो उसके कप्तान (सूर्य कुमार यादव) को दुबई में ACC के ऑफिस में आकर लेना होगा। BCCI ने अपने रूख से स्पष्ट कर दिया है कि उसने मोहसिन नकवी की माफी को तो स्वीकार कर लिया है लेकिन वह नकवी की शर्तों को स्वीकार नहीं करने वाला है। BCCI चाहता है कि ट्रॉफी को नियमों के अनुसार भारत को सौंप दिया जाए।
ट्रॉफी विवाद को लेकर BCCI के रुख ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत ने जानबुझकर ही जीत के बाद नकवी के हाथों से ट्रॉफी को स्वीकार नहीं किया था। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि ACC अध्यक्ष को ट्रॉफी की कस्टडी मिल गयी है या उन्हें समारोह स्थल से ट्रॉफी हटाने का अधिकार मिल गया है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि PCB और ACC के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने भारत को ट्रॉफी लौटाने से इनकार कर दिया है।