महाष्टमी की शाम ICC महिला विश्व कप (ICC Women's World Cup) भारत के नाम रहा और इस मैच में जो नाम सबसे अधिक चमकदार बनकर उभरा वह है दिप्ती शर्मा (Dipti Sharma) का। महिला वन डे विश्वकप के पहले मैच में श्रीलंका को 59 रनों से हराकर हरमनप्रीत कौर की टीम ने इस श्रृंखला में जीत के साथ अपनी शुरुआत की है। लेकिन सबसे खास रही प्लेयर ऑफ द मैच! और वह रही दीप्ति शर्मा।
टॉस जितने के बाद श्रीलंका ने पहले फिल्डिंग करने का फैसला लिया। लेकिन उनका यह फैसला उनपर ही भारी पड़ने वाला है, यह शायद किसी ने नहीं सोचा था। अमनजीत और दीप्ति के अर्धशतक के बदौलत भारत ने 47 ओवर में 8 वीकेट पर 269 रन बना लिए।
दूसरी इनिंग्स में बैटिंग करने उतरी श्रीलंका की टीम शुरुआत से लड़खड़ाने लगी। नियमित अंतराल पर भारतीय गेंदबाज वीकेट निकालती रहीं और श्रीलंका की टीम को क्रीज पर अपने पैर जमाने का मौका ही नहीं मिल सका। हालांकि श्रीलंका की नीलाक्षी डी सिल्वा ने थोड़ा संघर्ष जरूर किया लेकिन क्रीज की दूसरी तरफ से उनका साथ देने के लिए कोई भी बल्लेबाज नहीं टिक सकीं। आखिरकार चमारी अटपत्तूर की पूरी टीम 45.4 ओवर पर 211 रनों पर ही सिमट गयी।
गुवाहाटी के वर्षापाड़ा स्टेडियम में इस मैच को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी थी। अष्टमी को हरमनप्रीत की पूरी टीम का जादू दर्शकों पर छाया रहा। हालांकि भारतीय टीम की शुरुआत भी कुछ ज्यादा अच्छी नहीं रही। ओपनिंग करने आयी स्मृति मंधाना मात्र 8 रन बनाकर ही पवेलियन लौट गयी। प्रीतिका और हरलीन ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। स्कोरबोर्ड पर धीरे-धीरे रन भी बन रहे थे लेकिन बारिश ने बीच में ही खलल डाल दिया। 20 ओवर में मात्र 84 रन ही बन पाए थे।
इसके बाद बल्लेबाजी करने आयी दीप्ति शर्मा और अमनजीत कौर ने पूरा पासा ही पलट कर रख दिया। 5 चौको और 1 छक्के की मदद से अमनजीत कौर ने 57 रन बनाए। वहीं दीप्ति ने 53 रनों की शानदार पारी खेली। दोनों ने एक भी बॉल को जाया नहीं होने दिया। नपे तुले शॉट की बदौलत दोनों बैटर ने भारत को सम्मानजनक स्थिति में पहुंचा दिया।
श्रीलंका की कोई भी बैटर ने हरमनप्रीत के बॉलरों को परेशान नहीं कर पायी। हालांकि चमारी अटापत्तूर की कप्तानी को क्रिकेटप्रेमी लंबे समय तक याद रखेंगे। एक समय ऐसा भी लग रहा था कि यह मैच भारत के हाथों से निकालकर वह श्रीलंका की झोली में ले जा रही हैं। अटापत्तूर ने 47 बॉल पर 43 रन बनाए।
नीलाक्षी ने जितनी देर बैटिंग की उनका औसत रनरेट 7 से ऊपर ही रहा। हालांकि इन दोनों के आउट होते ही भारत की जीत सुनिश्चित हो गयी। भारत ने दो ओवर बाकी रहते हुए ही अपनी जीत दर्ज करवाकर इस टूर्नामेंट में शानदार शुरुआत की।