सितंबर में भी भारतीय शेयर बाजार से निवेशकों की निकासी का सिलसिला जारी रहा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पिछले महीने भारतीय इक्विटी बाजार से 23,885 करोड़ रुपये निकाले।
सिर्फ सितंबर ही नहीं। इस साल की शुरुआत से ही विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से पैसा निकालने का सिलसिला जारी है। मई-जून में इस रुझान में थोड़ी गिरावट आई थी लेकिन उसके बाद यह फिर बढ़ने लगा है। इसी वजह से जुलाई, अगस्त और सितंबर, इन तीन महीनों में भारतीय बाजार से भारी मात्रा में निवेश निकाला गया। इसमें से जुलाई में FPI ने 17,700 करोड़ रुपये निकाले। अगस्त में विदेशी निवेशकों ने 34,990 करोड़ रुपये निकाले। हालांकि सितंबर में विदेशी निवेश राशि अगस्त के मुकाबले कम है। कुल मिलाकर, FPI ने 2025 की शुरुआत से अब तक 1.58 लाख करोड़ रुपये का निवेश निकाला है।
साल की शुरुआत से ही विदेशी निवेश विभिन्न कारणों से भारतीय शेयर बाजार से दूर जा रहा है। इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र के कई कारक काम कर रहे हैं। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के विश्लेषक हिमांशु श्रीवास्तव ने हालिया निवेश कदम की वजह के बारे में कहा, "अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में आई गिरावट, ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने और एच-1बी वीजा शुल्क में बढ़ोतरी जैसे कई कारकों का असर पड़ा है। इसके चलते विदेशी निवेशक निर्यात पर निर्भर क्षेत्रों से दूर चले गए। भारतीय मुद्रा के मूल्य में गिरावट भी निवेश कदम के पीछे एक कारक रहा है।"