समाचार एई समय: 'संवत 2082' की शुरुआत से पहले देश के शेयर बाजार के दो प्रमुख सूचकांक 'तेजी' की लय में हैं। इस साल अक्टूबर की शुरुआत से ही सेंसेक्स-निफ्टी50 खराब फॉर्म से उबरने के बाद धीरे-धीरे ऊपर चढ़ रहे हैं। हालांकि शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक इस महीने भी कई बार 'कंसोलिडेटेड' हुए हैं।
हालांकि सोमवार से शुरू हुए लगातार चार कारोबारी सत्रों में दोनों सूचकांकों ने दमदार प्रदर्शन किया। विभिन्न क्षेत्रों के शेयरों में लगातार खरीदारी के रुझान ने सोमवार को निफ्टी50 को 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर 25,926.20 अंक पर पहुंचा दिया। हालांकि शेयर बाजारों के बंद होने की घंटी बजने के तुरंत बाद निफ्टी50 25,843.15 अंक पर रुक गया जो शुक्रवार को निफ्टी50 के बंद स्तर से 133.30 अंक अधिक है।
ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में से एक निफ्टी 50 भले ही जोरदार बढ़त पर है लेकिन इसके ज्यादा देर तक टिकने की संभावना नहीं है। उनके अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से भारत के तेल आयात पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। फिलहाल अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले कई उत्पादों पर 50 प्रतिशत से ज्यादा टैरिफ लगे हुए हैं जिससे आने वाले दिनों में शेयर बाजार का 'सेंटिमेंट' मंदी वाला हो सकता है।
गौरतलब है कि कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि पिछले चार सत्रों में सूचकांक में तेजी भी देखी गई है क्योंकि निफ्टी 50 सूचकांक में रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक जैसी कई दिग्गज कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी हुई है।
आज मंगलवार से नया 'संवत' कैलेंडर शुरू हो रहा है। इसी दिन से 'संवत 2082' शुरू होगा। हालांकि दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के कारण शेयर बाजार बंद रहता है फिर भी दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक एक घंटे के लिए एक विशेष ट्रेडिंग सत्र 'मुहूर्त ट्रेडिंग' आयोजित किया जाएगा।
वैसे पिछले कुछ वर्षों से बीएसई और एनएसई अधिकारी दिवाली की शाम को मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन करते रहे हैं। हालांकि सूत्रों के अनुसार इस साल दिवाली के लिए इस ट्रेडिंग सत्र का समय बदल दिया गया है।
ज्यादातर विशेषज्ञों के अनुसार संवत 2081 में विदेशी निवेशकों ने भारी मात्रा में शेयर बेचे। हालांकि घरेलू निवेशकों ने शेयर खरीदे लेकिन इससे शेयर बाजार का संतुलन बनाए रखने में मदद मिली। आने वाले दिनों में अमेरिकी टैरिफ शेयर बाजार के निवेशकों के लिए चिंता का सबब बन सकते हैं। इसलिए कुछ विशेषज्ञों ने नए साल में निवेश करने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी है।
इस संबंध में एंजेल वन के वकार जावेद खान ने समाचार एजेंसी को बताया कि भू-राजनीतिक मुद्दों पर गौर करें तो समझ आएगा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार के सूचकांकों में करेक्शन हो सकता है। 2025 में विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय कंपनियों के शेयरों की लगातार बिक्री भी आने वाले दिनों में 'बिकवाली का दबाव' पैदा कर सकती है।