देश के दो प्रमुख सूचकांकों में पिछले दो कारोबारी सत्रों में भारी बढ़त देखी गई है। सेंसेक्स और निफ्टी 50 में बुधवार के मुकाबले गुरुवार को ज्यादा बढ़त दर्ज की गई। दिवाली से पहले शेयर बाजार में इस तेजी ने निवेशकों का उत्साह बढ़ाया है। आइए बाजार विश्लेषकों द्वारा बताए गए इस तेजी के पीछे के कारणों पर एक नजर डालते हैं।
गुरुवार को सेंसेक्स 862 अंक या 1.04 प्रतिशत बढ़ा। इस बढ़त के साथ सेंसेक्स 83,467 अंक पर पहुंच गया। पिछले दो कारोबारी सत्रों में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मुख्य सूचकांक 1,438 अंक चढ़ा।
गुरुवार को निफ्टी 50 में 1.03 प्रतिशत या 261 अंक की बढ़त दर्ज की गई। इस बढ़त के बाद निफ्टी 50 25,585 अंक पर पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मुख्य सूचकांक पिछले दो कारोबारी सत्रों में 439 अंक चढ़ा।
सेंसेक्स और निफ्टी 50 के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी बढ़त दर्ज की गई। हालांकि इन दोनों सूचकांकों में बढ़त बेंचमार्क सूचकांक की तुलना में कम रही। अन्य क्षेत्रीय सूचकांकों में निफ्टी एफएमसीजी में सबसे ज़्यादा बढ़त दर्ज की गई। निफ्टी पीएसयू बैंक को छोड़कर गुरुवार को दोनों स्टॉक एक्सचेंजों पर सभी क्षेत्रीय सूचकांक सकारात्मक दायरे में रहे।
दिवाली से पहले वाले हफ्ते में लगातार दो सत्रों में शेयर बाजार में आई जबरदस्त बढ़त के पीछे बाजार विश्लेषकों ने कई कारण बताए हैं।
दूसरी तिमाही के नतीजे: इस हफ्ते की शुरुआत से ही देश की विभिन्न कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के लिए अपनी वित्तीय रिपोर्ट प्रकाशित करना शुरू कर दिया है। ज्यादातर कंपनियों की रिपोर्ट्स कारोबार में स्थिरता का संकेत दे रही हैं। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार इससे निवेशकों में भरोसा बढ़ रहा है।
एफआईआई प्रवाह: पिछले सप्ताह के अंत से भारतीय बाजार में विदेशी निवेश वापस आना शुरू हो गया है। अकेले अक्टूबर में ही विदेशी निवेशकों ने 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस साल की शुरुआत से ही विदेशी निवेश बाहर जाने का सिलसिला जारी है। इस रुझान में बदलाव को इस वृद्धि का एक कारण माना जा रहा है।
मजबूत रुपया:पिछले कुछ दिनों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है। गुरुवार को भी इसमें 0.3 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसके चलते भारतीय मुद्रा की कीमत 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.8125 रुपये हो गई है। विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय मुद्रा में मजबूती से बाजार की धारणा मजबूत हुई है।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता:निवेशक भारत और अमेरिका के बीच सफल व्यापार समझौते को लेकर आशान्वित हैं। दोनों देशों के बीच जो कड़वाहट पैदा हो गई थी, वह काफी हद तक कम हो गई है। इसे देखते हुए उम्मीदें बढ़ रही हैं। इससे बाजार में सकारात्मक माहौल बनाए रखने में भी मदद मिली है।
(समाचार एई समय किसी को भी ऑनलाइन कहीं भी निवेश करने की सलाह नहीं देता है। शेयर बाजार या किसी भी क्षेत्र में निवेश करना जोखिम भरा होता है। इससे पहले, उचित अध्ययन और विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित है। यह समाचार शैक्षिक और जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है।)