दुर्गापूजा को 'टारगेट' करके ही तय की गयी जीएसटी की नयी दरें ?

By अभिरूप दत्त, Posted by: Shweta Singh

Sep 22, 2025 17:39 IST

देवीपक्ष में नया जीएसटी ढांचा लागू होने से दुर्गापूजा से पहले चीजों के दाम कम होंगे और बंगाल के लोग खुलकर खरीदारी कर पाएंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की इसी सोच से 22 सितंबर से जीएसटी लागू किया गया है।

त्योहार के मौसम की शुरुआत से पहले ही केंद्र ने नया जीएसटी ढांचा लागू करके बड़े पैमाने पर वस्तु और सेवा कर को कम किया है। जीएसटी 5% और 18% के स्लैब में तय किया गया है। कुछ वस्तुएं 40% स्लैब में हैं। गुरुवार को कोलकाता आकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने बंगाल के उत्पादों की बात की। जीएसटी कम करने से बंगाल के किन-किन उत्पादों पर कर कम हो रहा है केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह सूची के साथ बताया। उसके साथ ही जीएसटी कम करने को दुर्गापूजा के उपहार के साथ जोड़ दिया।

इस दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बंगाल के बारे में सोचकर ही 22 सितंबर से नया जीएसटी ढांचा लागू करने का फैसला लिया गया है। उनका दावा है कि यह मुद्दा सबसे पहले प्रधानमंत्री ने उठाया था। 21 सितंबर को महालया है, उसके बाद ही वास्तव में बंगालियों का शारदीय उत्सव शुरू हो जाता है। देवीपक्ष में नया जीएसटी ढांचा लागू होने से दुर्गापूजा से पहले चीजों के दाम कम होंगे और बंगाल के लोग खुलकर खरीदारी कर पाएंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की इसी सोच से 22 सितंबर से जीएसटी लागू किया गया है।

इस दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि नया जीएसटी ढांचा बंगाल की मदद करेगा। बंगाल के कुछ विशिष्ट उत्पादों पर जीएसटी कम किया गया है। पहले 12% जीएसटी था, वह कम होकर 5% हो गया है।

शांतिनिकेतन के चमड़े के सामान

बांकुड़ा के टेराकोटा के सामान

मेदिनीपुर की चटाई

पुरुलिया के छऊ नृत्य के मुखौटे

दक्षिण दिनाजपुर के लकड़ी के मुखौटे

विभिन्न जिलों के सोलार से बने सामान

नक्काशीदार कंथा के सामान

मालदा के आम से बने उत्पाद

दार्जिलिंग की चाय

जूट से बने बैग



बंगालियों के त्योहार के साथ मिठाई का भी गहरा संबंध है। मिठाई के बिना दुर्गापूजा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस दिन केंद्रीय वित्त मंत्री से कोलकाता में वह प्रसंग भी सुनने को मिला। उन्होंने कहा बंगाल में मिठाई छेना से बनती है। 5% से कम करके शून्य कर दिया गया है। अब पूजा में जितना चाहें रसमलाई, रसगुल्ला खाइए।

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